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राष्ट्रसमुन्नति का आधार संस्कृत वाड्.मय में निहित नैतिक मूल्य

 

रिपोर्ट ब्यूरो गोरखपुर

गोरखपुर। आज संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर द्वारा ऑनलाइन सप्तदिवसीय मूल्य आधारित कार्यशाला का समापन सत्र संपन्न हुआ इस कार्यशाला का विषय संस्कृत वांग्मय और नैतिक मूल्य था। समापन सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर रहस बिहारी द्विवेदी कृतकार्य आचार्य संस्कृत विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर ने की ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर हरिराम मिश्र आचार्य संस्कृत विभाग जेएनयू रहे प्रोफेसर द्विवेदी ने संस्कृत वांग्मय में नैतिक मूल्यों पर विशद एवं छात्रों को योगी व्याख्यान दिया । उन्होंने धर्म तत्व की आचरण पर व्याख्या की मनु के द्वारा निर्दिष्ट धर्म के तत्वों के अनुपालन पर विशेष बल दिया। मुख्य अतिथि के रूप में व्याख्यान देते हुए प्रोफेसर हरे राम मिश्र ने नैतिक मूल्यों पर अत्यंत उपादेय व्याख्यान दिया। प्रोफेसर मिश्र ने राष्ट्र के उत्थान की दृष्टि से नैतिक मूल्य की विशद व्याख्या की। उन्होंने कहा सर्वप्रथम मनुष्य के जीवन में नैतिक मूल्यों का आधान होना चाहिए। तभी वह समाज और राष्ट्र का उत्थान कर सकता है। समापन सत्र में अतिथियों का स्वागत भाषण प्रोफेसर दीपक प्रकाश त्यागी, अध्यक्ष संस्कृत विभाग, संचालन डॉक्टर देवेंद्र पाल तथा धन्यवाद ज्ञापन मृणालिनी जी ने किया। कार्यशाला का प्रतिवेदन डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर समस्त विभागीय छात्र एवं शिक्षक उपस्थित रहे।

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