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माफिया राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए गठित की गई टीम

 

रिपोर्ट ब्यूरो

 

 

24 साल पहले श्रीप्रकाश शुक्ल सहित चार पर हुई थी गैंगस्टर की कार्रवाई;

सीओ कैंट के नेतृत्व में बनी टीम,एसपी सिटी करेंगे मॉनिटरिंग;

गोरखपुर। गैंगस्टर के मुकदमे में पेशी पर न आने वाले पूर्व विधायक व माफिया राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी ने सीओ कैंट के नेतृत्व में तीन टीम गठित की है। 28 जुलाई को इस मामले में अगली सुनवाई है। 17 साल से जारी हो रहे वारंट के गायब होने की जांच एसपी सिटी करेंगे।
1998 में दुर्दांत श्रीप्रकाश शुक्ल, पूर्व विधायक राजन तिवारी समेत चार बदमाशों के खिलाफ कैंट पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। इसी साल श्रीप्रकाश शुक्ल को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। दो अन्य बदमाशों की भी मौत हो चुकी है। मूल रुप से गगहा के सोहगौरा गांव का रहने वाले राजन ने एक दशक से अपना ठिकाना बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का बना रखा है। कुछ दिनों पहले चुपके से उसने गोरखपुर में वापसी करते हुए प्रापर्टी डीलिंग शुरू की। भनक लगते ही पुलिस ने शिकंजा कसते हुए प्रदेश के माफिया की सूची में नाम शामिल करने के लिए भेज दिया।

राजन की सक्रियता को देख शिकंजा कसते हुए डीजीपी मुख्यालय ने प्रदेश के 61 माफिया की सूची में उसका नाम शामिल कर लिया। जोन कार्यालय से राजन पर दर्ज मुकदमे की जांच शुरू हुई तो पता चला कि गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी 17 साल से वह कोर्ट में पेशी पर नहीं आ रहा। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि राजन को गिरफ्तारी कर कोर्ट में पेश करने के लिए सीओ कैंट श्याम विंद के नेतृत्व में टीम बनाई गई है, जिसमें प्रभारी निरीक्षक कैंट, एसओजी व सर्विलांस की टीम शामिल है।

टॉप 10 पर शिकंजा कसने में फेल हुई जिले की पुलिस:
टॉप 10 बदमाशों के खिलाफ जिले की पुलिस प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाई है। समीक्षा में यह मामला सामने आने के बाद जोन कार्यालय ने आपत्ति जताई है। एडीजी ने एसएसपी को पत्र लिखकर प्रभावी बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करने के साथ ही उनकी संपत्ति को जब्त कराने को कहा है।
शासन के निर्देश पर प्रदेश, जिला व थाना स्तर पर टाप 10 बदमाशों की सूची तैयार की गई थी।जिला स्तर पर चिन्हित किए गए माफिया में केवल प्रदीप सिंह, सुधीर सिंह, विनोद उपाध्याय, राकेश यादव के अलावा अन्य किसी पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।कोर्ट में विचाराधीन मुकदमे में भी सजा नहीं हो पायी है।एडीजी जोन अखिल कुमार ने इस पर नाराजगी जताते हुए चिन्हित माफिया पर प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
यह हैं जिले के टाप 10 बदमाश:

झंगहा के सुगहा निवासी राघवेंद्र यादव, बेलघाट के बहादुरपुर बुजुर्ग निवासी शैलेंद्र प्रताप सिंह, गुलरिहा के झुंगिया बाजार निवासी राकेश यादव, बांसगांव के धसका निवासी राधे उर्फ राधेश्याम यादव, कैंट के बेतियाहाता निवासी सत्यव्रत राय, खजनी के बसडीला निवासी सुभाष शर्मा, कैंट के बेतियाहाता में रहने वाले अजीत शाही, गीडा के मल्हीपुर निवासी प्रदीप सिंह, शाहपुर के बशारतपुर निवासी सुधीर सिंह और गोरखनाथ के जटेपुर उत्तरी निवासी विनोद उपाध्याय का नाम शामिल है।

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