कहीं कहीं तो नदी के एकदम तट के किनारे से ही पिलर उठाकर बनाए गए है मकान
ब्यूरो चीफ मुकेश मिश्र
अंबेडकरनगर। तीन बार टलने के बाद शुक्रवार को तमसा नदी के किनारों को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए सर्वे अभियान फिर से शुरू हुआ। बीती 5 मई को शुरू हुआ अभियान पहले से कोई ठोस कार्ययोजना तैयार न करने के कारण सिर्फ एक दिन बाद ही रोकना पड़ा था।सर्वे कार्य के लिए गठित राजस्व टीम ने आठ दिन बाद शुक्रवार को एक बार फिर से नदी की बीच धारा से 100 मीटर की दूरी तक के निर्माण पर लाल निशान लगाने का कार्य शुरू किया। अतिक्रमण के दायरे में आने वाले अवैध निर्माण कार्य को चिह्नित करने के बाद हटाने की कार्रवाई होगी।
नदी क्षेत्र में आने वाले अवैध कब्जे चिह्नित करने के लिए गठित राजस्व टीम का सर्वे कार्य पहले 7 मई, 10 मई और फिर 11 मई को शुरू किए जाने की बात कही गयी थी। जलालपुर से पहले तमसा नदी के तट को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए सर्वे का कार्य अकबरपुर नगर पालिका परिषद क्षेत्र में हुआ था। इस दौरान ठोस कार्ययोजना के चलते ही 25 अप्रैल से शुरू हुआ सर्वे कार्य तीन दिन में चिन्हांकन के साथ पूरा हो गया। इस दौरान सर्वे टीम ने 993 भवनों की सूची तैयार कर एसडीएम के माध्यम से कार्रवाई के लिए डीएम को सौंप भी दी। कार्रवाई के घेरे में आने वाला हर कोई प्रशासन की इस मुहिम को रुकवाने की जुगत में जुटा है। इसके इतर जलालपुर में एसडीएम मोहनलाल गुप्त की निगरानी में तमसा नदी को अतिक्रमण मुक्त बनाने का शुरू हुआ सर्वे सत्यापन कार्य शुरू होने के साथ ही थम गया था। कई दिनों तक रुका रहने के बाद यह सर्वे कार्य शुक्रवार से फिर शुरू हुआ। इस दौरान मौके पर मौजूद राजस्व टीम ने तमसा नदी के किनारे सौ मीटर की दूरी तक भूमि का चिन्हीकरण कर इस जमीन को अवैध तरीके से कब्जा कर निर्मित हुए भवन निर्माण को चिह्नित किया।
कार्रवाई के घेरे में आने वाले घरों व प्रतिष्ठानों पर सर्वे टीम ने लाल निशान लगाया है। तहसील प्रशासन की इस कार्रवाई से संबंधित भवन स्वामियों में हड़कंप देखने को मिला। कार्रवाई के घेरे में आने वाला हर कोई प्रशासन की इस मुहिम को रुकवाने की जुगत में जुटा है।