बलिया , जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत एवं ठहरने के लिए भी अनेक व्यवस्थाएं की गई थी।
श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए थे।
मुख्य राजस्व अधिकारी श्री त्रिभुवन भी शिवरामपुर घाट उपस्थित रहकर लगातार भ्रमण कर श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या न होने पाए अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित करते रहे। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 02 पंडाल गांव बनाए गए थे। महिलाओं के लिए मां गंगा पंडाल गांव एवं पुरुषों के लिए सरयू पंडाल गांव बनाया गया।
शिवरामपुर घाट के दोनों किनारों पर राहत कैंप लगाया गए। पुलिस के 04 कैंप लगाए तथा चिकित्सा विभाग के 02 कैंप लगाए गए। इसके साथ ही खोया-पाया केंद्र ने भी सक्रियता से कार्य करते हुए खोए बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया।
संपूर्ण शिवरामपुर घाट में 20 सीसीटीवी कैमरा भी लगा था। एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर थी, ताकि कोई अपने घटना न होने पाए। गंगा नदी में सुरक्षा के दृष्टिगत बैरिकेडिंग कराई जाने से श्रद्धालुओं ने बेफिक्र होकर पुण्य की डुबकी लगाई। संपूर्ण शिवरामपुर घाट पर प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था थी। इसके साथ ही महावीर घाट से लेकर शिवरामपुर घाट तक भी प्रकाश की व्यवस्था की गई।
10 मोबाइल शौचालय तथा पेयजल के 10 टैंकर लगाए गए। दस गोताखोर, 20 नावें, 50 आपदा मित्र तैनात रहे, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न होने पाए।कार्तिक पूर्णिमा पर 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर पवित्र स्नान किया।