रिपोर्ट मुराद बलबार IBN NEWS फरीदाबाद, हरियाणा
फरीदाबाद:अपने आप पर वो मुबारक महीना रमजान का है जिसमें जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं आज के रोजे की फजीलत बयान की जाए | रमजान एक रूहानी तौर पर खुद को एक महीने के लिए क्वारंटीन कर लेने और नियंत्रित कर लॉकडाउन के हवाले कर देने जैसा है | यानी सारे हमलों को नजरअंदाज करते हुए रूह के बल पर खड़े होने का सहारा बनने वाला रोजा का एक महीना पाबंदी है,जिसे एक अल्लाह का बंदा अपने मामूदे हकीकी पाक परवरदिगार की खुशी के लिए खुद ही खुद पर आयत करता है | इस महीने में खाना-पीना छोड़ता है |
इसके ये भी मायने है इसके लिए रोजेदार अपने आसपास के गरीब वर्ग के लोगों की भूख प्यास को अहसास करा सके | वह अपने जज्बों को नियंत्रित करने का प्रयास करता है | इसके लिए सामाजिक संतुलन को भी कायम रखना होता है | एक महीने का यह सफर-ए-सब्र इंसान के अंदरूनी अस्तित्व को इतना बना देता है कि जाहिर अस्तित्व के सारे दबाव,सारे तकादे हो जाते हैं | इबादत का यह वो बरकत का महीना है जो आने वाले 11 महीनों के लिए सोच को भी संतुलित रखने का रास्ता दिखाता है | इंसानियत की पाकदारी को नया हौसला देता है और रोजेदार को संवेदनशील शख्स बनाने में भूमिका निभाता है |-कारी अशरफ रजा,
➡️रमजान के महीने में सबके साथ मिलकर चलने की जरूरत
रमजान का मुबारक महीना चल रहा है इस महीने में हम रोजे रख रहे हैं | रोजा रखने से हमें अल्लाह का डर रहता है | इमान भी मजबूत रहता है | यह तय है कि एक दिन सबको मौत आनी है | कोई आगे,तो कोई पीछे | हम जब कभी अल्लाह के रसूल का जिक्र करते हैं,तो जिंदगी की हकीकत सामने होती है | कुरान और हदीस की रोशनी में चलने से हम समझ जाते हैं कि असल में जिंदगी का मकसद क्या है | कि हमें औरों के साथ मिलकर चलना चाहिए |
दूसरों की तकलीफ को समझना चाहिए | कोरोना के चलते अभी हालात दुरूस्त नहीं हैं | अब इस महीने में दुआएं कुबुल होती हैं | ऐसे में हम सबको मुल्क में अमन व शांति और सलामती की दुआ करनी चाहिए | खासकर अपने मुल्क के लिए हम सबको दुआ करना चाहिए | हर इंसान सुकून से रहे | और एक बात यह भी है कि हम आपस में भाईचारा कायम रखें | अगर घर के आसपास कोई मरीज है तो उसका हालचाल जरूर पूछें |- मौलाना जमालुद्दिन,जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष,ऊंचा गांव,बल्लभगढ़ |