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हवलदार जगराम धनखड़ का किया राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट

फरीदाबाद:नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी रहे आजद हिन्द फौज के हवलदार 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह धनखड़ का आज बुधवार को गांव मछगर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह की अन्तिम यात्रा में जब तक सूरज चांद रहेगा जगराम तेरा नाम रहेगा। भारत माता की जय हो। स्वतंत्रता सेनानियों सहित अन्य रण बांकुरो की जय हो के नारों से पूरा मच्छगर गांव गूंज उठा था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी साथी आजाद हिन्द फौज स्वतंत्रता सेनानी हवलदार जगराम धनखड़ के अंतिम संस्कार में विधायक नयनपाल रावत,एसडीएम त्रिलोक चंद, एसीपी जगबीर सिंह,भाजपा नेता टीपर चंद शर्मा सहित कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रही।
हरियाणा पुलिस की टुकड़ी के इन्चार्ज एसआई रंजीत सिंह की टुकड़ी ने उन्हें भावभीनी राष्ट्रीय मातमी धुन के साथ स्लामी देकर देकर राइफले झुका कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

सरकार,जिला प्रशासन,पुलिस और जिला सैनिक कल्याण बोर्ड की उनके पार्थिव शरीर को पुष्पचक्र और पुष्प मालाएं अर्पित किए गए। वहीं अन्तिम संस्कार के दौरान पुष्प चक्र अर्पित करते हुए विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि फरीदाबाद का स्वतंत्रता सेनानी असली हीरो जगराम सिंह धनखड़ था। जो आज हमारे बीच से चला गया है।एसडीएम तिलोकचंद ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी हवलदार जगराम सिंह धनखड़ को हिंदी,इंग्लिश,उर्दू जर्मन सहित कई भाषाओं का ज्ञान था। उनकी कुर्बानी हमेशा हमेशा के लिए समाज के लिए स्मरणीय रहेगी। एसीपी जगबीर सिंह ने कहा कि महा नायक स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह जैसे सभी स्वतंत्रता सेनानी भारतीय सेना व अर्धबल सेनाओं और पुलिस के लिए प्रेरणा के स्रोत बनें रहेंगे।

ऐसे महान नायकों से हमेशा सुरक्षा के लिए प्रेरणा मिलती रहेगी। कैबिनेट मंत्री मूलचंदशर्मा के भाई बीजेपी नेता टीपर चंद शर्मा ने कहा कि 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह फरीदाबाद जिला का एक होनहार आजाद हिन्द फौज और भारतीय स्वतंत्रता सेना का वास्तविक हीरो था। वे हमेशा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के काफी करीबी रहे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ हुई बातों के सुझाव भी साझा किया करते थे। स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह धनखड़ की अर्थी को उनके पोते अमित,धीरज,शिक्षित व बेटे दलबीर सिंह ने कंधा दिया। उनके इकलौते बेटे दलबीर सिंह ने उनकी चिता को मुखाग्नि देकर उन्हें पंचतत्व में विलीन किया।

दलबीर उर्फ दल्लू ने अन्तिम यात्रा के दौरान उनकी कई सुझावों को साझा किया।
आपको बता दें आजाद हिन्द फौज के स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह ने 24 जनवरी को देर सायं गांव मच्छगर में अपने घर में ही अंतिम सांस ली थी और आज बुधवार को पूरा राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार गांव मच्छगर के श्मशान घाट में किया गया।हवलदार जगराम सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ एनआईए में काम किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय सेना में बरेली में भी जाट रेजिमेंट में बतौर सूबेदार के पद पर कार्यरत किया। इसके बाद उन्होंने हिंदुस्तान ब्राउन बावरी कंपनी में बतौर मुख्य स्कोरिटी ऑफिसर के रूप में कार्य किया। जगराम सिंह धनखङ की पांच संताने हैं।

उनमें बेटा दलवीर सिंह उर्फ दल्लू बेटी वीरवती देवी,कैलाश देवी,सुनीता देवी,लीला देवी व चंद्रा देवी और तीन पोते अमित धीरज व शिक्षित हैं। स्वतंत्रता सेनानी जगराम सिंह के भरत सिंह व सिंह राम दो भाई थे। विधायक नयनपाल रावत,एसडीएम त्रिलोक चंद, एसीपी जगबीर सिंह,भाजपा नेता टीपरचंद शर्मा,जजपा के प्रदेश सचिव प्रेम सिंह धनखड़,सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी संजय कुमार,सन्दीप सिंह,नरेश कुमार,इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह,विशिष्ट सेना मेडल कर्नल गोपाल सिंह,कप्तानजयचंद,हवलदार मुकेश,हवलदार वृजभान भाट्टी, समुंदर सिंह,रामदत्त,जयवीर धनखड़,नेमचंद धनखड़,मनोहर लाल,दयाचंद एडवोकेट सहित आसपास के कई गांव के कई गणमान्य लोगों ने उन्हें अंतिम उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

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