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गाजीपुर: स्वास्थ्य माफिया राजू के खौफ से घुटने के बल हुआ सी0एम0ओ0 कार्यालय, जांच अधिकारी का मोबाइल बन्द

गाजीपुर: स्वास्थ्य माफिया राजू के खौफ से घुटने के बल हुआ सी0एम0ओ0 कार्यालय, जांच अधिकारी का मोबाइल बन्द

गाजीपुर: जिले का स्वास्थ्य विभाग जिसके कर्मचारियों व अफसरो के वेतन पर प्रदेश की सरकार हर महीना 3 से 5 करोड़ रूपया खर्च करती है बावजूद इसके जिले के जिम्मेदार अफसर स्वास्थ्य माफियाओं के हाथ की कठपुतली बने हुये है। फर्जी अस्पताल चलाकर दोनो हाथो से धन उगाही करने वाले स्वास्थ्य माफियाओं का इतना खौफ है कि अस्पतालों की जांच के लिये लगाये गये अफसर के साथ-साथ यहॅा के मुख्य चिकित्सधिकारी भी घुटने के बल होकर दागियों की जी हजूरी में लगे हैं।

नन्दगंज इलाके के बरहपुर बाजार में बिना पंजीयन शिवंागी अस्पताल चला रहे स्वास्थ्य माफिया राजू कुशवाहा इलाज के दौरान आपरेशन व अन्य कार्य खुले आम करता है। इस अस्पताल में इलाजे कराने आयी कई प्रसूताओं की मौत भी हो चुकी है साथ ही जन्म लेने के साथ ही कई मासूम दम तोड़ चुके है। यही नही इस बात का विरोध लोगो ने किया भी और नारेबाजी के साथ-साथ प्रदर्शन भी किया यहॅा तक कि कई प्रसूताओं की मौत के बाद लोगो ने सड़क जाम भी किया थाने में सूचना भी दी गई लेकिन स्वास्थ्य माफिया को सी0एम0ओ0 आफिस से मिल रहे सरंक्षण के चलते उसके हौसले दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लगे और उसका परिणाम यह निकला कि बेखौफ स्वास्थ्य माफिया ने जिला मुख्यालय पर स्थित मुख्य चिकित्साधिकारी व जिलाधिकारी कार्यालय से कुछ ही दूर पर बिना पंजीयन के अस्पताल खोल दिया।

एक मार्च 2022 से कोतवाली थाने के ठीक बगल में बेखौफ स्वास्थ्य माफिया ने बिना पंजीयन के अस्पताल खोल दिया और सीधे-सादे ग्रामीणों के साथ-साथ बिहार प्रांत से आये मरीजों का आपरेशन शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी कई बार मीडिया में आने व बेखौफ स्वास्थ्य माफिया की शिकायत करने के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी गोविन्द सिंह ने संज्ञान लेने के बजाय मीडियाकर्मियों को भी समझाने में लगे रहे यहॉ तक कि पिछले सप्ताह जिले के अस्पतालों के पंजीयन का काम करने वाले सी0एम0ओ0 आफिस के बाबू संतोष ओझा को जब पत्रकारों ने इस बात की जानकारी दी स्वास्थ्य माफिया राजू जिला मुख्यालय पर बेखौफ फर्जी अस्पताल चला रहा है तो संतोष ने लोगो को आश्वस्त किया कि आज ही यानि 23 जुलाई को ही अस्पताल की जांच होगी और कार्यवाही भी होगी लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी दावा करने वाला जांच अधिकारी अपना मोबाइल बन्द कर लापता है।

पिछले चार सालों से बरहपुर बाजार के बाद जिला मुख्यालय के मिश्रबाजार इलाके में बिना पंजीयन अस्पताल चलाने वाले राजू कुशवाहा की हनक का आलम यह है कि लगातार हो रही शिकायते व प्रकाशित हो रहे समाचारों को नजर अदंाज कर रहा जिले का स्वास्थ्य विभाग व जिम्मेदार अफसर, कार्यवाही के बजाय फर्जी अस्पतालों को बैक डेट मंे पंजीकृत कर मीडिया को भ्रमित करने का नया कुचक्र रच रहे हैं जबकि जिस इलाके में अस्पताल खुला है वहंा के अमन पसन्द लोग आपस में चर्चा शुरू कर दिये है। देखना यह है कि स्वास्थ्य माफिया के दबाव में ऑख मूंदे खड़े मुख्य चिकित्साधिकारी की तंत्रा कब टूटती है।

राकेश की रिपोर्ट

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