जिस पर एडीएम प्रशासन ने पहुंच कर किसी तरह किसान नेताओं को शांत कराया जिसमें नव भारतीय किसान संगठन ने समस्त अधिकारियों से किसानों की योजनाओं के बारे में क्रमवार जानकारी मांगी गई कि सरकार किसानों के हित में तमाम योजनाएं चलाती है। परंतु विभाग के अधिकारी पूरी योजनाओं को किसानों तक न पहुंचाकर हजम कर जाते हैं। कुछ लोग एक संगठन विशेष के जो रुपया लेकर धरना प्रदर्शन करने का धंधा करते हैं वे अधिकारियों पर दबाव बनाने का कार्य करें। योजनाओं को किसानों तक नहीं पहुंचने देना चाहते ऐसे नेता जो सिर्फ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और तीनों कृषि कानून में किसानों के हित में जो बातें नहीं हैं, उनका संशोधन नहीं होने देना चाह रहे हैं।
वह सिर्फ अपनी जेब और राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। मुख्य रूप से नव भारतीय किसान संगठन ने तमाम नलकूपों के बेचे जाने, द्वारिकापुर माइनर में पानी के पहुंच ना होने, किसानों पर फर्जी मुकदमें, बैंकों द्वारा बैंक मित्र के नाम पर गुंडों को नियुक्त कर किसानों का शोषण करना, उद्यान विभाग द्वारा आलू भंडारण में 242 प्रति कुंतल की दर जो निश्चित की गई है उसी में भंडार ग्रह मालिक वाहनों से आलू उतरवाने का भी कार्य करेंगे। बीमा कंपनी द्वारा बीमा नीतियों में बार-बार बदलाव कर किसानों के साथ अनदेखी की भी शिकायत की गई अपर जिला अधिकारी प्रशासन द्वारा किसानों को समस्त विभाग द्वारा संचालित योजना की लिखित सूचना उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
बैठक में मुख्य रूप से शिव प्रसाद पांडे प्रदेश उपाध्यक्ष, शिव शंकर मिश्रा जिला अध्यक्ष, चिंतामणि मिश्रा जिला अध्यक्षा सुनील तिवारी, तहसील अध्यक्ष सदर श्याम नारायण पांडे, तहसील अध्यक्ष बीकापुर रामकरण, तहसील अध्यक्ष सोहावल तथा शिवप्रताप यादव, तहसील अध्यक्ष मिल्कीपुर गीता यादव, मंगला श्रीवास्तव, राजकुमार, राम जी, श्याम बली सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।