निरोग काया नियंत्रित मन विचार की शुद्धता तथा चेतना का स्तरोन्नयन करता है योग
देवाधिदेव भगवान शंकर द्वारा सृष्टि जगत को दिया गया अनमोल अस्त्र तथा कृष्ण द्वारा प्रतिपादित हिरण्यगर्भ, पतंजलि स्वामी विवेकानंद तथा आयंगर एवं रामदेव द्वारा आमजन के लिए प्रयोग कर बताया गया योग शरीर एवं आत्मा के उन्नयन तथा मन एवं विचार की शुद्धता का दर्शन है,
उक्त विचार सनातन विश्व दर्शन मंदिर बाल्मीकि नगर धाम के जट्टा संकर मन्दिर प्रांगण में आयोजित योग शिविर को संबोधित कर हमने कहाकी , अष्टांग योग, ध्यान, अभ्यास का उल्लेख करते हुए कहा कि योग कर्म क्षेत्र में लोगों को दक्ष बनाता है तथा निरंतर अभ्यास के माध्यम से मनुष्य में मानवीय गुण का बीजारोपण करके उसमे ज्ञान तथा प्रेम की भावना पैदा करता है जिसके बाद योग निपुण लोग परमानंद ( पर ब्रह्म) से साक्षात्कार करते रहते हैं योग शिविर में पातंजलि प्रशिक्षक आचार्य केदार कुशवाहा ने अनुलोम, विलोम, प्राणायाम भतृका, श्वास प्रश्वाश,को करके दिखाया तथा सामूहिक रूप से उपस्थित लोगों को भौतिक रूप से योग के विभिन्न विधाओं को कराया तथा योग के महत्व को प्रतिपादित किया ब्रह्मा कुमारी प्रजापति विश्वविद्यालय की बहन सुनीता ने सहज राजयोग की क्रियाओं से शिविरार्थियों को अवगत कराया, इसके पूर्व सनातन विश्व दर्शन मंदिर के व्यवस्थापक स्वामी रंगनाथ बाबा ने दीप प्रज्वलन तथा ब्रह्मलीन भगवनान्नद के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ करा आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया|
समापन के बाद मंदिर प्रबंधन द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया, शिविर में शिक्षक चिकित्सक, व्यवसाई, युवा, महिला सहित समाज के विभिन्न तबकों के लोगों ने भाग लिया।
रिपोर्ट विजय कुमार शर्मा ibn24x7news पश्चिमी चंपारण बिहार
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