टीम आईबीएन न्यूज
गाजीपुर: प्रदेश व केन्द्र सरकार की मंशा को ठेंगा दिखाने में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम बलिया इकाई जरा भी संकोच नही कर रही है। एक तरफ समय सीमा बीत गयी है वहीं निर्माण कार्य पूरा करने के बजाय काम शुरू कराये जाते समय लगाये गये बोर्ड में समाप्ति की सीमा को पेंट से बदलकर सरकार का मजाक भी बनाया जा रहा है। 3175.93 लाख की परियोजना अधर में लटकी है जिसका संज्ञान न तो जनप्रतिनिधि ले रहे है न ही जिले के आला अफसर।
गाजीपुर जिला मुख्यालय पर मौजूद डा0 मुख्तार अंसारी जिला चिकित्सालय परिसर में पुरानी बिल्डिंग जमीदोंज करने के बाद 2019 में उसके स्थान पर 3175.93 लाख की लागत से 100 शैया महिला अस्पताल का निर्माण शुरू कराने के लिये धन का आवंटन कर दिया गया। टेण्डर के बाद कार्य करने के लिये कार्यदायी संस्था उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम बलिया इकाई को जिम्मा सौपा गया और अक्टूबर 2020 में कार्य शुरू हो गया। काम शुरू होने के बाद यह भी तय कर दिया गया था कि सम्बन्धित विभाग सितम्बर 2022 तक काम को पूरा कर भवन सम्बन्धित विभाग को सौप देगा और इसके बाद अस्पताल में मौजूद इन्फ्रास्टक्चर के लिये टेण्डर आवंटित किये जायेगें। लेकिन विभाग की ओर से काम में लगातार की गयी लापरवाही व घटिया निर्माण सामग्री के साथ-साथ अन्य आयरन व इलेक्ट्रानिक के घटिया सामान मनमाने तरीके से लगने शुरू हो गये। यहॅा तक कि इस बिल्डिंग के निर्माण में कभी भी किसी बडे़ अफसर या जनप्रतिनिधि की ओर से संज्ञान नही लिया गया।
2020 में शुरू हुये काम के बाद 100 शैया का यह महिला अस्पताल शहर के इलाके में रहने वाली महिलाओं व युवतियों के साथ-साथ आम लोगो के लिये काफी सुविधाजनक पहल है। लेकिन कार्यदायी संस्था की ओर से लगातार की जा रही मनमानी व कार्य पुर्ण होने की तिथि को गलत तरीके से बदलकर अपने कमी को छिपाने की कोशिश से सरकार व जनता दोनो का मजाक बन रहा है। एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार की ओर से आम जनता के लिये शुरू की गयी परियोजनाओं को जल्दी पूर्ण करने और धन आवंटित करने में जरा भी लापरवाही नही हो रही है लेकिन कार्यदायी संस्थाओं के आड़ में खड़े ठेकेदार व स्वास्थ्य माफिया अपना उल्लू सीधा करने के लिए कोई भी कुचक्र रचने को तैयार है।
राकेश की रिपोर्ट