Ibn24x7news सिद्धार्थ मौर्या , मऊ उ प्र
* जमीन पर 33 % वन क्षेत्र की आवश्कता के मुकाबले केवल 2.64 % ही मौजूद ।
मऊ : जिला बने मऊ को 28 वर्ष बीत चुके है , लेकिन जिलो में वनो का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है वन विभाग हाथ पर हाथ रखकर भले ही न बैठा हो , लेकिन सारी कयावाद के बावजूद अभी तक 33 प्रतिशत हरियाली के जगह 2.64 प्रतिशत हरियाली ही नसीब हो पायी है । वन विभाग की भारी भरकम फ़ौज केवल नर्सरी तैयार करने में लगी है । बुधवार को जब टीम ने वन विभाग का हाल जाना तो वन क्षेत्रो की हकीकत को टटोला तो जिले में वनो का विस्तार की बेहद भयावह तस्वीर सामने आई विभाग केवल फाइलो और आकङो से जूझता मिला ।
डीएफओ संजय कुमार अपने कार्यलय में शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट का अवलोकन करते मिले वही एसडीओ अशोक सिंह भी रिपोर्ट और फाइलो से ही जूझते हुए मिले ।इनके अलावा कुछ कर्मचारी अपने चेबर को खुला छोड़कर दूसरे के कार्यालय में काम कराते हुये मिले । डीएफओ ने बताया की जिले में केवल 519 हेक्टेयर ही वन विभाग की जमीन है जो आच्छादित कर दी गई है । इसके अलावा अन्य सार्वजनिक भूमि पर विभाग की ओर से पौधे लगाये है । कहा की जिले को हरियाली से समृद्ध रखने के लिए कम से कम 33 प्रतिशत वन होना जरुरी है । लेकिन हाल ही में सेटेलाइट सर्वे में जिले में कुल क्षेत्रफल लगभग 1700 वर्ग किलोमीटर में से केवल 605 वर्ग किलोमीटर जमीन पर ही पेड़ पौधे लगे हुए है । डीएफओ ने बताया की पिछले वर्ष 60 हजार पौधे लगाए गए थे । जिसमे कुछ सड़क के किनारे तो कुछ ग्राम सभा की भूमि पर लगाये गए थे । चालू वर्ष में 1.60 लाख नए पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है । जुलाई माह से पौधेरोपण का कार्य वन विभाग से शुरु होगा।
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