आजकल कुछ इसी प्रकार के फोन और मैसेज बैंक उपभोक्ताओं को आ रहे हैं। इससे कुछ बैंक उपभोक्ता धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी व वित्त मंत्री अरुण जेतली की तरफ से एकदम नोटबंदी शुरू करके काले धन मालिकों को करारा झटका दिया गया और वित्त मंत्रालय की तरफ से ज्यादातर बैंकों को आदेश दिए गए हैं
कि वह डिजीटल इंडिया अभियान को प्रमोट करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने रुपए का लेन-देन ऑनलाइन क्रैडिट कार्ड, डैबिट कार्ड व अन्य कार्डों के जरिए करें ताकि कैश के रूप में काले धन का लेन-देन बिल्कुल खत्म किया जा सके। लेकिन डिजीटल इंडिया अभियान को फेक बैंक हैकर्स सेंध लगा रहे हैं। ईमानदारी के साथ डिजीटल बैंकिंग का हिस्सा बन चुके बैंक उपभोक्ताओं को सरेआम चूना लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार फेक बैंक कॉलर्स कुछ गिने चुने बैंक उपभोक्ताओं को फोन करते हैं और उनसे कहते हैं कि आपका ए.टी.एम. बंद हो गया है। इसके बाद बैंक उपभोक्ता से उसका ए.टी.एम. नंबर पूछा जाता है और ए.टी.एम. नंबर जानने के बाद आधार कार्ड व ओ.टी.पी. नंबर ले लिया जाता है।
कुछ मासूम व भोले भाले बैंक उपभोक्ता इन फेक बैंक हैकर्स का शिकार भी बन जाते हैं और अनजाने में अपना ए.टी.एम. नंबर व अन्य कोड बता देते हैं जिसके बाद उनके बैंक खातों से रुपए गायब होने लगते हैं। इसमें सबसे गंभीर बात जो सामने आ रही है वह यह है कि फेक बैंक हैकर्स सरेआम अपने मोबाइल नंबरों से फोन करते हैं लेकिन पुलिस की तरफ से इन हैकर्स की कॉङ्क्षलग को गंभीरता के साथ नहीं लिया जाता है।
सरकार की तरफ से मान्यता प्राप्त बैंकों की तरफ से भी इन फेक बैंक हैकर्स के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करवाई जाती है। उल्टा उपभोक्ताओं को यह नसीहत दी जाती है कि वह ऐसे फेक कॉलर्स के साथ किसी प्रकार की बातचीत न करें और अपना ए.टी.एम. नंबर व अन्य कोड किसी को न बताएं, पुलिस की बात भी किसी हद तक ठीक है लेकिन इन हैकर्स को बैंक उपभोक्ताओं को कॉल करने देने की मौका ही क्यों दिया जा रहा है।
अलग-अलग बैंकों के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार देहाती इलाकों में फेक बैंक हैकर्स लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हैंकर्स उपभोक्ताओं का ए.टी.एम. नंबर व अन्य कोड लेकर अन्य राज्यों से शॉपिंग के रूप में क्रैडिट कार्ड के जरिए लोगों के खातों से रुपए निकालतेहैं और पकड़े नहीं जाते हैं।
मोबाइल कंपनियां भी कर रहीं सचेत
फेक बैंक हैकर्स के मामले में इंटरनैट सेवा प्रदान करने वाली देश की कुछ प्रतिष्ठित मोबाइल कंपनियों की तरफ से भी अपने ग्राहकों को अलर्ट किया जा रहा है। इन कंपनियों की तरफ से अपने ग्राहकों को एस.एम.एस. के जरिए संदेश दिया जा रहा है और अपील भी की जा रही है कि यदि कोई व्यक्ति आधार कार्ड वैरिफिकेशन या ए.टी.एम. नंबर बंद होने संबंधी आपको कोई फोन करता है तो उसके साथ किसी भी प्रकार निजी जानकारी शेयर न की जाए, क्योंकि ऐसे कॉलर्स फर्जी हो सकते हैं।
विजय कुमार शर्मा संपादकीय
Tags पश्चिमी चम्पारण बिहार
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