रिपोर्ट ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र (एमजीकेवीके) की एक बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहाकार डॉ केवी राजू मार्गदर्शन में प्रशासनिक भवन स्थित कमेटी हाल में हुई। बैठक में कुलपति प्रो राजेश सिंह ने एमजीकेवीके के वैज्ञानिकों को पांच साल का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विजन डाक्यूमेंट में एमजीकेवीके द्वारा आईसीएआर के शासनादेश और मिशन के साथ साथ अपने शासनादेश को शामिल किया जाए। इसके अंतर्गत बीज, मधु, जैविक खेती, बकरी पालन, एपफपीओ, काला नमक की प्रोसेसिंग समेत अन्य 10 बिंदुओं पर कार्य होगा। उन्होंने बताया कि एमजीकेवीके को पांच साल का पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में प्रस्ताव तैयार करना है। जिसमें रुझान के मुताबिक पीपीपी मोड में असली दावेदारों को आमंत्रित किया जाएगा। जिससे की कृषि विज्ञान केंद्र के 10 करोड़ के टर्न ओवर को बढ़ाकर 30 करोड़ का निवेश और कराया जा सके। निवेश करने वाले प्राइवेट या पब्लिक पार्टनर हो सकते हैं।
एमजीकेवीके और गोरखपुर विश्वविद्यालय के बीच हुआ है एमओयू
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूर्वांचल के किसानों को व्यवसायिकता सिखाने की योजना बनाई है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र से करार किया है और वहां के वैज्ञानिकों को इसे लेकर किसानों को प्रशिक्षित करने करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए फार्मर प्रोडयूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) बनाया है और उससे किसानों को जोड़ने की कोशिश में जुटे हैं। आर्गेनाइजेशन में किसानों को संगठित होकर खेती करने और अपने उत्पादन का उचित मूल्य प्राप्त करने का तरीका बताया जाएगा।