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मीरजापुर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मीरजापुर नगर की ओर से गुरू पूर्णिमा उत्सव का आयोजन नगर के दुर्गा बाजार स्थित केशव धाम संघ कार्यालय के सभागार मे संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सह प्रान्त कार्यवाह राज बिहारी जी एवं सह नगर संघचालक प्रभु जी ने परम पवित्र भगवा ध्वज के समक्ष पुष्पार्चन कर किया। तत्पश्चात एकल गीत एवं अमृत वचन के उपरान्त मुख्य वक्ता सह प्रान्त कार्यवाह राज बिहारी जी का पाथेय प्राप्त हुआ।
उन्होने कहाकि भगवा ध्वज सूर्योदय, सूर्यास्त और अग्नि के रंग का है। यह ध्वज तपोमय व ज्ञाननिष्ठ भारतीय संस्कृति का सर्वाधिक सशक्त व पुरातन प्रतीक है। उगते हुये सूर्य के समान इसका भगवा रंग भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक ऊर्जा, पराक्रमी परंपरा एवं विजय भाव का सर्वश्रेष्ठ प्रतीक है। संघ ने उसी परम पवित्र भगवा ध्वज को गुरु माना।
कहाकि यह आरएसएस का ही नही, वरन संपूर्ण भारत की आध्यात्मिकता और हिन्दू समाज का प्रतीक है। इसकी छत्रछाया मे ही देश मे बिखराव-टूट फूट पर नियंत्रण और राष्ट्रीय भाव के आधार पर जागृत एवं विकसित करने की आवश्यकता है।
उन्होने कहाकि भगवा शक्ति के कारण ही तिरंगा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सशक्त और सबल बनेगा, इसलिए हिन्दू समाज र संस्कृति की रक्षा के लिए हम सभी को तन मन धन और बुद्धि भाव का समर्पण रखना होगा। क्योकि जहा समर्पण होता है, वही परिणाम होता है। संघ का प्रत्येक कार्यकर्ता हिन्दू होने के नाते हिन्दुस्तान का और भारतीय नागरिक होने के नाते तिरंगे की शक्ति को समान भाव से देखता है। स्वयंसेवक भारत की चिन्ता करते है और भारत माता की जय बोलते है उनकी आराधना करते है।
संघ संस्थापक ने परम पवित्र भगवा ध्वज को गुरू माना, क्योकि व्यक्ति मे विकार आ सकते है, व्यक्ति का अंत हो सकता है लेकिन भगवा ध्वज सदैव अस्तित्व मे रहेगा और इसमे विकार भी नही आ सकते। यह बिनु पग चलै सुने बिनु काना का भाव परिलक्षित करता है।
इस अवसर पर एकल गीत इस पूजा की थाली मे मै क्या क्या भेंट चढ़ाएं का गायन किया गया। इस अवसर पर प्रान्त सामाजिक सद्भाव प्रमुख शिवमूर्ति जी, सह प्रान्त घोष प्रमुख राम मिलन जी, विभाग प्रचारक प्रतोष जी, जिला प्रचारक विक्रांत जी, नगर प्रचारक राजेंद्र जी प्रथम, रामकृष्ण जी, लखनलाल जी, अखिलेश जी, लखन जी, विनोद जी, प्रदीप जी, सौरभ जी, अनुराग जी, बालाजी आदि मौजूद रहे।