ब्यूरो रिपोर्ट सत्यम सिंह IBN NEWS अयोध्या
देश के ज्यादातर राज्यों में आज 1 अप्रैल से गेहूं और सरसों की सरकारी खरीद (Wheat Procurement) शुरू हो जाएगी. इस बार खरीद में रिकॉर्ड बनने की संभावना है. उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार रबी मार्केटिंग सीजन (RMS) 2021-22 के दौरान कुल 427.363 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का अनुमान लगाया गया है. यह पिछले साल के मुकाबले 9.56 फीसदी अधिक है. इस साल 427.363 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का अनुमान है. इस बार भी इसकी खरीद में मध्य प्रदेश ने पंजाब से अधिक कोटा लेकर पंजाब को पीछे छोड़ने का इरादा दिखा दिया है.
सभी राज्यों में किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए इस बार ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ा है. बिक्री के बाद किसानों के अकाउंट में ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गई है. इस साल 12 राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदा जाएगा. इनमें पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात, बिहार, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं. हालांकि, बिहार में 1 अप्रैल से खरीद नहीं होगी.
गेहूं उत्पादन में करीब 35 फीसदी योगदान देने वाले उत्तर प्रदेश सरकार में इस बार 55 लाख मीट्रिक टन खरीद का टारगेट रखा गया है. पिछले साल भी इतना ही लक्ष्य था. लेकिन मुश्किल से 36 लाख टन ही खरीदा गया था. खरीद 1 अप्रैल से 15 जून तक होगी. बताया गया है कि यहां 6000 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. खरीद केंद्र तहसीलों, ब्लॉकों, मंडी परिसर केंद्र और पंचायत भवन आदि में बनाए जाएंगे. 3500 केंद्र स्टेट कोऑपरेटिव फेडरेशन द्वारा संचालित किए जाएंगे.
यहां यह बात भी जान लेनी जरूरी है की उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों में अब तक गेहूं खरीद की तैयारियां आधी अधूरी हैं अब तक बनाए गए खरीद केंद्रों पर व्यवस्था के नाम पर बोरो तक की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो सकी है सूत्रों का कहना है कि पूर्वी यूपी में जहां अभी फसल तैयार नहीं है वहीं पश्चिमी यूपी में गेहूं की फसल तैयार हो गई है लेकिन पंचायत चुनाव में व्यस्तता के कारण किसान 15 अप्रैल के बाद ही अपनी फसलों को बेचने के लिए आगे आएंगे