राष्ट्र ध्वज तिरंगा झंडा को समय से तैयार कर राष्ट्र को करेंगे समर्पित
ब्यूरो चीफ मुकेश मिश्र
अंबेडकरनगर – आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा फहराने के अभियान की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. देश की आजादी के 75 वर्ष के महोत्सव में यह सब भी अपना योगदान देना चाहते हैं और अपनी भागीदारी भी सुनिश्चित करने के लिए तिरंगा तैयार कर रहे हैं।जेल की चाहरदीवारी के भीतर कैदी और बंदी मिलकर दस हजार तिरंगा झंडे बना रहे हैं.
कैदियों का कहना है कि जेल में रहते हुए भी उन्हें गर्व महसूस होता है कि देश के तिरंगे का निर्माण करने का उन्हें सौभाग्य मिला है. कैदियों ने बताया कि जेल में रहते हुए उन्हें सिलाई सीखने का एक मौका मिला और आज वह लोग अपनी हुनर दिखाते हुए तिरंगे की सिलाई कर रहे हैं. जेल से छूटने के बाद इससे उन्हें रोजगार का भी अवसर मिलेगा और वह एक आदर्श नागरिक बनकर समाज में जीवन जीने की शुरुआत करेंगे.
जेल में तैयार होने वाले तिरंगे झंडे बाजार में बिकने के बाद खुले आसमान में लहराएंगे.आजादी के अमृत महोत्सव पर केन्द्र और प्रदेश की सरकार हर घर तिरंगा लहराने की तैयारी कर रही है.
पोस्ट आफिस से लेकर बाजारों में तिरंगा झंडों की बिक्री की जा रही है. जिला कारागार अंबेडकरनगर में भी तिरंगा झंडे तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए कैदियों को जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा द्वारा सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं. बंदी व कैदी मिलकर तिरंगा झंडे बनाने में जुटे हैं.बंदियों और कैदियों में तिरंगा बनाने को लेकर उत्साह देखा जा रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव में बंदी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तिरंगा झंडा तैयार कर रहे हैं. जेल में की चाहरदीवारी के भीतर सिलाई मशीनों की कमान बंदियों व कैदियों ने संभाली है.जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा ने बताया करीब दस हजार तिरंगा झंडे बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
कैदियों को इस अभियान से जोड़ने का मकसद है कि उनके दिल और दिमाग में देश प्रेम जगे. जिससे वह अपराध की दुनिया छोड़कर एक आदर्श नागरिक की तरह समाज में जीवन जी सकें. इससे अपराध में भी लगाम लगेगी. झंडे तैयार होने के बाद बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे. कारागार में बंदियों और कैदियों से मुलाकात करने पहुंचने वालों को भी एक-एक तिरंगा उपलब्ध कराया जाएगा. इसी के साथ थी हर बैरक में तिरंगा झंडा लगाया जाएगा.