फरीदाबाद – मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) ने यूरोपीय संघ की इरासमस+ कैपेसिटी बिल्डिंग इन हायर एजुकेशन (CBHE) पहल के तहत भारत, श्रीलंका और नेपाल में अनुसंधान, नवाचार और डिजिटल कौशल के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
“नेक्स्ट जेनरेशन स्पेशलिस्ट इंफॉर्मेशन सपोर्ट (NSIS)” परियोजना
इस परियोजना का उद्देश्य शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग के बीच समन्वय स्थापित करना है। यह पहल आयरलैंड, कजाखस्तान, रोमानिया, ग्रीस, जर्मनी, भारत, नेपाल और श्रीलंका सहित कई देशों के सहयोग से संचालित हो रही है।
इरासमस+ CBHE यूरोपीय संघ की एक प्रमुख योजना है, जिसका मकसद अनुसंधान-आधारित शिक्षण, डिजिटल नवाचार और उद्योग सहयोग को मजबूत करना है। इसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) को तकनीकी संसाधन और विशेषज्ञता प्रदान की जा रही है, जिससे वे नवाचार और आर्थिक विकास में योगदान कर सकें।
MRIIRS के नेतृत्व में अनुसंधान को बढ़ावा
परियोजना का नेतृत्व MRIIRS के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव (LEAR) और अनुसंधान की कार्यकारी निदेशक एवं डीन डॉ. सरिता सचदेवा (परियोजना प्रमुख) कर रहे हैं। उनके साथ आर.के. अरोड़ा, CS डॉ. मोनिका गोयल, डॉ. अनिंदिता सी. राव, डॉ. राजेश कुमार और डॉ. चारु राजपाल जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविद इस पहल में योगदान दे रहे हैं।
MRIIRS के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा:
“यह सहयोग अनुसंधान-आधारित डिजिटल और उद्यमशीलता कौशल के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों को सशक्त करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे आर्थिक विकास और ज्ञान-आधारित समाज को मजबूती मिलेगी।”
परियोजना प्रमुख डॉ. सरिता सचदेवा ने बताया:
“इस पहल से हम न केवल अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं, बल्कि उच्च शिक्षा को नवाचार और व्यवसाय के केंद्र में बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।”
उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ा योगदान
इस परियोजना के माध्यम से शिक्षाविदों और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे एक अनुसंधान-समृद्ध और डिजिटल रूप से सशक्त वातावरण विकसित होगा।
MRIIRS का यह प्रयास वैश्विक स्तर पर शिक्षा और नवाचार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।