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कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार कल से जिला न्यायालय में शुरू होगा न्यायिक कार्य।

ब्यूरो रिपोर्ट गोरखपुर

गोरखपुर।कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर उच्च न्यायालय इलाहाबाद के दिशा निर्देश के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश दुर्ग नारायण सिंह ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के दिशा-निर्देश में शुक्रवार से न्यायिक कार्यों को किए जाने की गाइडलाइन जारी कर दी है।उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश में श्रेणीबद्ध मामलों की सुनवाई ही की जायेगी।

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जिले के जनपद न्यायाधीश,विशेष क्षेत्राधिकारी प्राप्त न्यायालय,न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट, विशेष न्यायालय पास्को एक्ट, कोर्ट संख्या 1,2,3,4, न्यायालय विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट,न्यायालय विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट,न्यायालय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट,न्यायालय विशेष न्यायाधीश यूपीएसईबी एक्ट,मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज सीनियर डिविज, सिविल जज जूनियर डिविजन, में ही मामलों की सुनवाई के ही निर्देश जारी किए हैं। इनमें लंबित नवीन जमानत प्रार्थना पत्र लंबित और नवीन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र, आवश्यक आपराधिक प्रार्थना पत्रों का निस्तारण,आवश्यक सिविल प्रार्थना पत्रों का निस्तारण जैसे आदेश के मामले,विचाराधीन बंदियों से संबंधित रिमांड वह सभी मामले जिन्हें माननीय न्यायालय द्वारा तय समय सीमा के अंतर्गत शीघ्रता से निस्तारित करने हेतु निर्देशित किया गया है।ऐसे प्रकृति के मामले जिन्हें जनपद न्यायाधीश आवश्यक या उचित समझें उनकी सुनवाई कर सकते हैं।इसके अलावा जमानत प्रार्थना पत्र व अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र तथा अनावश्यक प्रार्थना पत्रों को दाखिल करने हेतु वादकारी के विवरण मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी को उल्लेखित करना भी अनिवार्य होगा।ई-मेल से प्राप्त होने वाले ऐसे प्रार्थना पत्रों को कंप्यूटर अनुभाग द्वारा डाउनलोड कर सूची तैयार कर संबंधित न्यायालय को प्रेषित की जाएगी।

अधिवक्ताओं वादकारियों एवं अन्य स्टेक होल्डर द्वारा प्रेषित नवीन प्रार्थना पत्रों को प्राप्त करने हेतु न्यायिक सेवा केंद्र का प्रयोग किया जाएगा। ऐसे समस्त मामले पंजीकृत किए जाएंगे तथा ऐसे प्रार्थना पत्र एवं मामलों पर अधिवक्ता व वादकारी का मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी उल्लेखित करना अनिवार्य होगा। किसी प्रकार की त्रुटि होने पर संबंधित अधिवक्ता को सूचित किया जा सकेगा।न्यायिक सेवा केंद्र पर आने वाले सभी अधिवक्ताओं को कंप्यूटर अनुभाग द्वारा ई-कोर्ट कार्यप्रणाली की सूचना दी जाएगी ताकि वे सूचीबद्ध किए गए मामलों को ऐप के माध्यम से देख सकें।

न्यायालय कक्ष में उचित दूरी पर अधिवक्ताओं की मात्र चार कुर्सी ही व्यवस्था की जाएगी तथा न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों द्वारा मास्क का प्रयोग किया जाएगा।प्रत्येक न्यायालय कक्ष के दरवाजे पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी तथा रीडर लिपिक सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करेंगे। प्रत्येक अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों की प्रति अभियोजन को प्राप्त कराई जाएगी।अभियोजन द्वारा अपना उत्तर प्रावधानों के अनुसार निर्धारित अवधि के अंदर दाखिल किया जाएगा इसके अलावा अधिवक्ताओं और वादकारियों की सहायता के लिए मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है। जिसका प्रयोग कॉज लिस्ट में मामलों की लिस्टिंग तथा टाइम स्लॉट आदि की जानकारी के लिए प्रयोग किया जाएगा।मोबाइल नंबरों से निर्मित की गई हेल्पलाइन को जिला न्यायालय के वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबंधित प्रक्रिया की जानकारी संबंधित न्यायालय के कर्मचारी द्वारा संबंधित स्टेकहोल्डर को प्रदान की जायगी।
उच्च न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के लिए वर्चुअल कोर्ट रूम को बनाने का भी निर्देश जारी किया है। जिससे आवश्यकता होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी मामलों की सुनवाई की जा सके।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित किया गया कि वह कोविड-19 के प्रोटोकाल के प्रचार-प्रसार के लिए तमाम आवश्यक कदम भी उठाए। एक बार में 50% से तक न्यायालय में कर्मचारी ही आ सकते हैं।न्यायालय में प्रतिदिन की कार्रवाई को 4:00 बजे तक प्रशासनिक कार्यालय में उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है साथ ही न्यायालय परिसर को सैनिटाइज व साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए व न्यायालय के बाहर थर्मल स्कैनिंग परीक्षण जिला मजिस्ट्रेट मुख्य चिकित्सा अधिकारी से सहयोग स्थापित कर प्रति दिवस कराए जाने की लिए भी निर्देशित किया गया है। इन सब ऐतिहासिक कार्रवाई के अलावा केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी समस्त दिशा निर्देशों का भी अनुपालन किया जाना जरूरी होगा।

उपरोक्त जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राहुल कुमार सिंह द्वारा दी गई उन्होंने बताया कि न्यायालय की कार्यप्रणाली या किसी अन्य विधिक सहायता हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बनाए गए हेल्पडेस्क से या मोबाइल नंबर 97210 23100 , 8181827234 पर संपर्क किया जा सकता है।

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