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धूमधाम से मनाया गया गुरु गोविंद सिंह का 358वां प्रकाशोत्सव

शोभायात्रा के दौरान गतका विशाल प्रदर्शन किया गया

पूर्व नपाध्यक्ष गुलाब मौर्य द्वारा सिख समुदाय के लोगो को जलपान (नास्ते) का प्रतिबंध किया गया

मीरजापुर। अहरौरा नगर के सत्यानगंज में स्थित दस्तखती साहिब में साहिबे कमाल गुरुगोविंद सिंह महाराज का 358 वां पावन प्रकाश उत्सव जन्मदीहाणा गुरुद्वारा प्रबंधक गुरु बाग वाराणसी के देखरेख में मनाया गया।
दिन रविवार को राजी जत्था भाई रकम सिंह गुरुद्वारा नीची बाग वाराणसी के द्वारा मनोहर कीर्तन के साथ संगत को निहाल किया गया।

अखंठ पाठ आरंभ के बाद, लंगर में सभी धर्म के लोग शामिल रहे। इसके बाद सिख समुदाय के लोगों ने गुरुगोविंद सिंह महाराज का भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें आतिशबाजी, बैंड बाजा एवं गतका के विशाल प्रदर्शन मिर्जापुर के साथ प्रारंभ किया गया। साथ ही शोभायात्रा में भजन कीर्तन करते हुए गुरुद्वारा से प्रारंभ होकर चौक बाजार, तकिया, खरंजा, गोला सहुवाईन, सम्मेतर, से होते हुए शोभायात्रा गोला कन्हैयालाल से टिकरा खरंज (अहरि) से पुनः सत्यानगंज में समापन किया गया उसी दौरान लोगो ने गुरुगोविंद सिंह महाराज का जगह जगह भव्य स्वागत किया गया।

गुरबाग के अध्यक्ष करण सभरवाल, सतपाल सिंह ने बताया कि श्री गोबिंद सिंह महाराज की तीन पत्नियाँ थीं। उन्होंने 21 जून, 1677 को बसंतगढ़ में माता जीतो से विवाह किया। उनके तीन बेटे हुए, जिनका नाम जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह था। 4 अप्रैल, 1684 को उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी माता सुंदरी से विवाह किया, जिनसे उनका एक बेटा अजीत सिंह थे।

एक इंच के व्यास में मौजूद हैं गुरु ग्रंथ साहिब
क्षेत्र के रोशनहर गांव में स्थित गुरुद्वारा में सिख धर्म का प्राचीन गुरु ग्रंथ साहिब एक इंच के व्यास में मौजूद हैं। इन्हें देखने के काफी दूरदराज से श्रद्धालु आते रहते हैं। गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 1430 पन्ने हैं जिन्हें दूरबीन विधि द्वारा पढ़ा जाता है। औए उन्होंने बताया कि दस्तखती पोथी है मौजूद-
सिख धर्म के दसवें गुरु श्रीगुरु गोविद सिंह के तीर से दस्तखत की हुई पोथी नगर के सत्यानगंज में स्थित दस्तखती गुरुद्वारा में मौजूद है। गुरु गोविद सिंह जी ने गुरुवाणी की पोथी पर दस्तखत कर उसे सौंपा था, जिसकी प्रतिदिन पूजा की जाती है।

क्षेत्र के पटिहटा स्थित गुरुद्वारे में सिख धर्म का पुरातन गुरु ग्रंथ साहिब मौजूद है। इनके दर्शन के लिए काफी दूर से श्रद्धालु आते रहते हैं।
वही गुलाब दास मौर्य पूर्व नपाध्यक्ष द्वारा खरंजा त्रिमुहानी पर सभी सिख समुदाय के लोगों को जलपान का प्रतिबंध किया गया।
इस शुभ अवसर पर ओमप्रकाश केशरी नपाध्यक्ष, पूर्व नपाध्यक्ष दिलदार सोनकर, आशिष कुमार, सलीम, संतोष सतपाल सिंह, ईश्वर सिंह, जगजीत सिंह, जीत सिंह, जसवंत सिंह, गुलाब सिंह, लक्ष्मण सिंह, अमोलक सिंह, परमजीत सिंह, हरिचरण पाल सिंह के साथ समूह साध संगत उपस्थित रहे।

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