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गाजीपुर – मानवता शर्मशार इस जिले का डीपीआरओ सफाई कर्मी युवती को घर बुलाकर छेड रहा

 

यूपी:रिपोर्ट ब्युरो गाजीपुर

राकेश की रिपोर्ट

*स्लग: मानवता शर्मशार इस जिले का डीपीआरओ सफाई कर्मी युवती को घर बुलाकर छेड रहा*

ऐकर:देश के प्रधानमंत्र व सूबे के मुखिया की शानदार सोच से सफाईकर्मियों को कही सम्मानित किया जा रहा वही योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मे तैनात सफाईकर्मीयो को सम्मानित भी किया और साथ मे खाना भी खाया ताकि इस समाज को कुठित होने से बचाया जाय वही यूपी के पूर्वांचल के गाजीपुर जिले मे तैनात पंचायत राज अधिकारी सफाईकर्मी युवती से छेड़छाड़ व नियम कानून ताख पर रख हबस का शिकार बनाने का कुचक्र रच रहा है यह आरोप पीडिता ने खुद लगाया है। इस जिले की डीएम आर्यका अखौरी भी महिला है पीडिता डीएम के यहा भी पूर्व मे ड्यूटी कर चुकी है।

*बीओ-1*

मामले मे चौकाने वाला मामला यह है कि रंग मिजाज डीपीआरओ अंसुल मौर्या ने पीडिता की तैनाती उसके गाँव सै हटाकर से मौखिक ही अपने आवास पर कर दिया और पीडिता उसके आवास पर पूरे रहती भी थी दूसरी तरफ अफसर की पत्नी सुबह ही अपने जाब के लिए निकल जाती है। और आये दिन दोपहर के समय डीपीआरओ घर पहुच अपनी रंगरेलियां शुरू कर देते थे। महिला ने इसकी शिकायत गाज़ीपुर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) संतोष कुमार वैश्य के साथ कर्मचारी संगठन को लिखे गये शिकायती पत्र मे यह जानकारी दी है, बता दे कि पीड़ित महिला के साथ दुर्गेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद संघ का प्रतिनिधि मंडल भी उपस्थित रहा।

*बीओ-2*

सीडीओ ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। बीडियो मे पीडिता साफ कह रही है आरोप के तहत युवती ने कहा है कि डीपीआरओ मौखिक आदेश पर मुझे अपने आवास पर पत्नी का सहयोग करने के लिए बुलाया था। लेकिन पत्नी के 11 बजे अपनी जाब मे चले जाने के बाद दोपहर मे वापस आकर मेरे साथ कयी बार जबर्दस्ती व छेड़छाड़ करते है। जिसके चलते मै अपने तैनाती स्थल गाव चली गयी।
अब मुझे नौकरी से निकालने व बार बार नोटिस देकर अपने पास आने के लिए मजबूर कर रहे है। जिससे परेशानी बढ गयी है कारवाई नही हुई तो आत्महत्या करना आखिरी है।

*एफबीओ-*

जिले मे लंबे समय से तैनात अंसुल मौर्या अपनी खाउ कमाऊ नीति के इतने पक्के है कि अपने कार्यकाल मे किसी गाव के भ्रष्टाचार मे गंभीर कारवाई नही करा पाये सूत्रो की माने तो देवकली ब्लॉक के एक गाँव मे कान्ट्रेक्ट के तहत तैनात विधवा महिला को दो साल के बाद बिना मानदेय दिये हटा दिया और मानक व नियम के विपरीत अपनी चहेती युवती को तैनाती दे दी। शिकायत मिलने के बाद भी जिम्मेदार अफसर मामले को निपटाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे है। जबकि कर्मचारी संगठन आन्दोलित है।

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