टीम आईबीएन न्यूज़
राकेश की रिपोर्ट
गाजीपुर: बिजली विभाग में घूस न मिलने से नाराज विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय के अधिशासी अभियन्ता ने चार कम्प्यूटर आपरेटरों को विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस बात का खुलासा प्रबन्धन ने ही किया है कि पचास हजार रूपया न मिलने के कारण ही चार आपरेटरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। लेकिन तीन दिनों के अन्दर चार कम्प्यूटर आपरेटरो के सम्बन्ध में दो की उपस्थिति विवरण प्रस्तुत करना मामले को संदिग्ध कर देता है। इस मामले को लेकर विभाग के कर्मचारियों संविदा कर्मियों व अफसरो के बीच सब ठीक है इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
जबकि दूसरी तरफ कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि किस आधार पर चार कम्प्यूटर आपरेटरों को बाहर किया गया और उनको कोई विभागीय नोटिस भी नही दी गयी न ही निकाले जाने के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों से कोई अनुमोदन लिया गया। निकाले गये कम्प्यूटर आपरेटर अजीत का आरोप है कि अधिशासी अभियंता आशीष शर्मा कई अखबारों व समाचार पत्रों में फर्जी खबर छपवा रहे है कि आपरेटरों को टाइपिंग नही आती है। सभी आपरेटर 2017 से विभाग में कार्यरत है अब 2024 में किस कार्य का वेतन हम लोगों को मिल रहा है यह भी स्पष्ट नही है।
चारो आपरेटरों ने आरोप लगाया है कि पचास हजार घूस न देने से नाराज आपरेटरों पर अनर्गल आरोप लगा रहे है जो अति निन्दनीय है। एक तरफ का कार्य बेरोजगारों को रोजगार से जोड़कर उनका जीवन बेहतर बना रही है जबकि आशीष शर्मा घूस न मिलने से नाराज होकर युवाओं को बेरोजगार बनाने पर आमादा है जिससे सरकार की योजना पर नीति का भी मजाक बन रहा है।
दूसरी तरफ विभागीय सूत्रों की माने तो दोषी अधिशासी अभियंता आशीष शर्मा अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण से मिलकर अपनी जांच दबाने में लगे है और सार्वजनिक रूप से बयान भी दे रहे है कि अधीक्षण अभियंता से हमारे मधुर सम्बन्ध है। मेरा कुछ नही बिगड़ेगा। अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार जीरो टायलेन्स नीति के तहत भ्रष्टाचार के आरोपी अधिशासी अभियंता पर कार्यवाही करती है या हरी झण्डी दे देती है।