अयोध्या रिपोर्टर कामता शर्मा
अयोध्या रामनगरी अयोध्या में फ्रांस के चित्रकार शिफूमी सरयू घाट के किनारे भगवान श्री राम का चित्रांकन कर रहे हैं. उन्होंने पहले रामायण का फ्रेंच भाषा में अध्ययन किया था और अब रामायण के चित्रों को अयोध्या की दीवारों पर उकेर रहे हैं.
राम की पौड़ी पर फ्रांल के आर्टिस्ट शिफूमी राम के खास चित्र बना रहे हैं. जिसमे वह दिखाना चाह रहे हैं कि राम किस तरह कण-कण में बसे हैं. शिफूमी ने इसकी कल्पना अपने मन में की और फिर अध्ययन किया. अब अपनी इस इमैजिनेशन को वह अयोध्या की दीवारों पर साकार कर रहे हैं.
राम अयोध्या में जन्मे और अयोध्या के पवित्र सरयू घाट गुप्तारघाट में जल के अंदर समा कर अपने लोक को वापस चले गए. शिफूमी ने राम को सरयू नदी के अंदर पानी में अपने को परिवर्तित करते हुए उसी में समाने की कल्पना की है.
शिफूमी हिंदी नहीं बोल पाते हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह भगवान राम को कण-कण में देखते हैं. उनका शरीर सरयू के जल में समाहित है. शिफूमी के सहयोगी मीनाक्षी पायल का कहना है कि अयोध्या नगरनिगम नमामि गंगे के तहत अयोध्या को संवारने का कार्य कर रहा है, जिसमें स्ट्रीट आर्ट भी बनाई जा रही है. विदेशों में स्ट्रीट आर्ट बड़ा हिस्सा है. शिफूमी फ्रांस से हैं. उनको जब हमने बताया कि अयोध्या में काम करना है तो उन्होंने रामायण पढ़ना शुरू की. हम लोगों ने डिसाइड किया कि हम भगवान राम को बैकुंठ धाम में जाने का चित्रण करेंगे.
सरयू के अंदर जब भगवान राम हैं, तो वह कैसे पूरे यूनिवर्स का हिस्सा बनने वाले हैं उसी को दिखाने का प्रयास है. पूरी दुनिया को वह अदृश्य मैसेज देना चाहते हैं. आपको बताते चलें कि इस बार दीपोत्सव 3 नवम्बर को है. यह दीपोत्सव बेहद खास है. इस दीपावली पीएम नरेंद्र मोदी के शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही है. जिसको देखते हुए अयोध्या को त्रेतायुगीन बनाया जाएगा. योगी आदित्यनाथ की सरकार इस तैयारी के लिए प्रयासरत है. फ्रांसीसी चित्रकार शिफूमी को देख कर यह कहा जा सकता है कि रामनगरी व रामायण विश्वव्यापी है. जिसने रामायण को आत्मसात किया वह राम का होकर रह गया.