Breaking News

घास की सवारी देखने के लिए उमड़ा ग्रामीणों का सेलाब

आईबीएन न्यूज़ चैनल प्रमोद कुमार गर्ग बीगोद

क्षैत्रों मे गाय के साथ बैलों को विशेष दर्जा देकर पूजा की जाती है ग्रामीण अंचल में बेल जोड़ियों को विशेष महत्व है। बरूदनी क्षैत्र के बंधनी गांव में काल भैरव की बात ही कुछ अलग है दीपावली के दूसरे खेत्रे के दिन घास भेरू की सवारी निकाली जाती है। इस सवारी को लेकर एक दिन पहले बैलों को सजाकर खेकरे के दिन दोपहर ग्रामीण हथाई पर इकट्ठे होने के साथ घास भैरू की सवारी का रोमांच शुरू हुआ । घास भेरू की सवारी के लिए बबूल काटते व रोमांच यह होता है कि बबूल जिस मालिक का होता है उसको भी पता नहीं होता कि मेरा बबूल कट गया। फिर उसी की चौखट बना कर उस पर घास भैरू को विराजित किया जाता है विशेष पूजा अर्चना के बाद बैलों की जोड़ी ने घास बावजी खींचना शुरू कर पारम्परिक परम्परा का निर्वाह करते। इस दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण उत्साह से बैलों के पीछे भागना शुरू करते व घास भैरू की सवारी बड़ा मंदिर, चौक का मंदिर, सदर बाजार ,बस स्टैंड होते हुए पुनः अपने स्थान फतेह सागर तालाब के पास सुबह पहुंची । रात को निकली ऐतिहासिक घास बावजी की सवारी ने कस्बे में रोमांच आंदन लिया। सवारी को देखने के लिए बरूंदनी के आसपास क्षैत्र व अन्य जिलों से देखने आते । रोचक बात यह होती कि जिसकी बैल जोड़ी घास भैरू सवारी को जितना अधिक दूरी पर ले जाता व बैल जोड़ी प्रथम आती है। ग्रामीण लोक देवता को प्रसन्न करने व खेतों में फसलें अच्छी लहराये, गांव की समृद्धि बढे अकाल और महामारी से रक्षा हो। भैरवनाथ को प्रसन्न करने के लिए ग्रामीण भैरव नाथ की सवारी निकालते हैं।( फोटो कैप्सन – घास भेरू की सवरी आंदन लेते ग्रामीण लोग ) फोटो– प्रमोद कुमार गर्ग

About IBN NEWS

It's a online news channel.

Check Also

108 कुंडीय महायज्ञ को लेकर विभिन्न कमेटियों का गठन कर व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया

  बीगोद- श्री बाणमाता शक्तिपीठ विकास एवं प्रबंध संस्थान के तत्वाधान में आयोजित सहस्त्रचण्डिय 108 …