फरीदाबाद से बी.आर. मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद: आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद भी स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी कड़ी में एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें शुगर नियंत्रण विशेषज्ञ राजेश यादव ने शुगरोधी औषधि और शुगर नियंत्रण की अनोखी विधि प्रस्तुत की।
हाथ रगड़ने से शुगर नियंत्रण का अनोखा तरीका
राजेश यादव ने शिविर में उपस्थित लोगों को बताया कि मात्र हाथों को रगड़ने से रक्त में शुगर का स्तर नियंत्रित किया जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों की शुगर जांच की गई और फिर 10 मिनट तक हाथ रगड़वाने के बाद उनके शुगर स्तर में हुए परिवर्तन को दर्शाया गया।
आयुर्वेद को बढ़ावा देने का प्रयास
कार्यक्रम की आयोजक डॉ. पूजा वत्स ने बताया कि यह शिविर आयुर्वेद को बढ़ावा देने और लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि अल्कलाइन वॉटर का सेवन न केवल शुगर नियंत्रण में सहायक है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी मदद करता है।
उन्होंने “मल्टी अमृत अल्कलाइन ड्रॉप्स” के उपयोग को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताते हुए सभी को इसे अपनाने की सलाह दी।
समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने की आवश्यकता
इस अवसर पर ह्यूमन लीगल एड एंड क्राइम कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष राधिका बहन ने समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
✔ वीरेंद्र गौर ने कहा कि आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार को हर घर तक पहुंचाना आवश्यक है ताकि लोग बीमारियों से बच सकें और प्राकृतिक तरीकों से स्वस्थ रह सकें।
शिविर में गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में संजय सिंह, सर्वेश कुमार, कैलाश चंद, उदय सिंह, अवधेश वत्स, राकेश, हसितम सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
आयुर्वेद अपनाने की अपील
शिविर के अंत में डॉ. पूजा वत्स ने सभी अतिथियों का आदर-सम्मान किया और लोगों से आयुर्वेद अपनाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया।
संक्षेप में:
✔ शुगर नियंत्रण विशेषज्ञ राजेश यादव ने बिना दवा के शुगर कंट्रोल करने का अनोखा तरीका बताया।
✔ हाथ रगड़ने से रक्त में शुगर का स्तर नियंत्रित करने का प्रयोग किया गया।
✔ डॉ. पूजा वत्स ने आयुर्वेद और अल्कलाइन वॉटर के महत्व पर जोर दिया।
✔ स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने और आयुर्वेद को बढ़ावा देने की अपील की गई।
✔ कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
यह शिविर आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को प्राकृतिक तरीकों से स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हुआ।