रिपोर्टर – जीतेन्द्र कुमार चौबे
बलिया,1 दिसंबर 2024 को दुबे छपरा अमरनाथ मिश्रा पीजी कॉलेज दुबे छपरा बलिया द्वारा आयोजित वैश्विक मामलों की भारतीय परिषद नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित रूस यूक्रेन संघर्ष एवं भारत का दृष्टिकोण विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह के मुख्य वक्ता प्रोफेसर संजीव श्रीवास्तव, दिल्ली विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने कहां की रूस यूक्रेन संघर्ष महाशक्तियों के वर्चस्व की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि संघर्ष का समाधान वार्ता से ही संभव होगा। किसी भी देश की विदेश नीति, रक्षा नीति जनता ही तय करती है भारत द्वारा रूस और यूक्रेन की यात्रा करना इस बात का संकेत है कि संवाद की प्रक्रिया से ही इस संघर्ष को समाप्त किया जा सकता है। इसका समाधान बुद्धिमत्ता पूर्ण विदेश नीति से ही हो सकता है।
भारत विश्व के हितों को ध्यान में रखकर ही इस संघर्ष को समाप्त करना चाहता है। प्रोफेसर श्रीवास्तव ने कहा कि अब विश्व में नए समीकरण का उदय हो रहा है। जिसके कारण शीत युद्ध का उदय हो सकता है।
इस परिस्थिति में भारत दृढ संकल्पित है कि इस संघर्ष को वार्ता के जरिए ही समाप्त किया जा सकता है। विश्व में जब नया इतिहास लिखा जाएगा तो भारत का नाम पन्नों में दर्ज किया जाएगा।
विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अरुण कुमार श्रीवास्तव जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने कहा कि रूस यूक्रेन संघर्ष का पर्यावरण पर बहुत ही प्रभाव पड़ा है।
इस संघर्ष का मुख्य केंद्र पर्यावरण केंद्र ही है। 30% क्षेत्र इस संघर्ष से प्रभावित है जिससे 5000 करोड़ की क्षति हुई है।
कहा कि सोवियत संघ के विघटन के पश्चात ही इस संघर्ष की नई पड़ गई थी। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष का सबसे बड़ा प्रभाव मानवता पर पड़ा। मानवता का वध इस संघर्ष में हुआ है।
इस संघर्ष में भारत की अपनी सर्वोच्च को प्राप्त करने का प्रयास किया है। भारतीय संघर्ष के कारण विश्व में एक शक्ति के रूप में उभरा है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरि शरण, प्रोफेसर हर्ष सिन्हा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने अपने विचार रखते हुए कहा कि रुसीकरण संघर्ष में भारत का दृष्टिकोण शांतिकारी है।
राष्ट्रीय संगोष्ठी में चार तकनीकी सत्र चला जिसमें विविध विश्वविद्यालय में महाविद्यालयों के प्राध्यापक अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।
इस समापन कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर गौरी शंकर द्विवेदी ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम सचिव डॉक्टर श्याम बिहारी श्रीवास्तव ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया।