संवाददाता अजय कुमार उपाध्याय
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने आज कार्तिक पूर्णिमा के महत्व पर अपने विचार साझा करते हुये कहा कि कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 19 नवंबर को मनाया जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दीपदान करना शुभ और पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है।इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना गया है. इस दिन दान, यज्ञ और मंत्र जाप का भी विशेष महत्व बताया गया है।
काशी में ही देव दीपावली क्यों?
कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवलोक से सभी देवी- देवता गण पवित्र नगरी वाराणसी यानि महाकाल की नगरी काशी में पधारते हैं। इसलिए कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को काशी में बहुत साज-सज्जा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रिपुरासुर नामक राक्षस के अत्याचारों से सभी बहुत त्रस्त हो चुके थे। तब सभी को उसके आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव ने उस राक्षस का संहार कर दिया। जिससे सभी को उसके आतंक से मुक्ति मिल गई। जिस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का संहार किया था, वह कार्तिक पूर्णिमा का दिन था। तभी से भगवान शिव का एक नाम त्रिपुरारी पड़ा। इससे सभी देवों को अत्यंत प्रसन्नता हुई। तब सभी देवतागण भगवान शिव के साथ काशी पहुंचे और दीप जलाकर खुशियां मनाई। कहते हैं कि तभी से ही काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती रही है। इस दिन दीप दान का बहुत महत्व माना गया है। इसलिए इस दिन विशेष रूप से दीपदान किया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर पृथ्वी पर आते हैं देवता — कुलपति प्रो त्रिपाठी ने बताया कि ऐसी मान्यता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर स्वर्गलोक से देवी-देवता पृथ्वीलोक पर आते हैं और वाराणसी के गंगा घाट पर स्नान करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दिवाली मनाई जाती है। इस दिन देवताओं के धरती पर आने की खुशी में घाटों को दीयों से रोशन किया जाता है। इतना ही नहीं, इस दिन घर के अंदर और बाहर दीप जलाने के परंपरा है।इस तिथि ये पर्व भी मनाए जाते हैं-
तुलसी पूजा (Tulsi Puja)- कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व है. तुलसी पूजा से लक्ष्मी जी की भी कृपा प्राप्त होती है.
गुरु नानक देव जयंती (Guru Nanak Jayanti 2021)- इस दिन गुरुनानक देव जी की जयंती भी मनाई जाती है।
मत्स्य अवतार -(Matsya Avatar)- मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को ही भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. इसे विष्णु जी का पहला अवतार भी माना गया है।
त्रिपुरारी पूर्णिमा-(Tripuri Purnima 2021)- कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था।