गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 39वें दीक्षांत समारोह का आयोजन सोमवार को हाइब्रिड मोड में दीक्षा भवन में किया गया। समारोह में वार्षिक परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 54 मेधावियों को ऑनलाइन जुड़ी कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल और मुख्य अतिथि डाॅ संजय राय की मौजूदगी में कुलपति प्रो राजेश सिंह जी ने पदक प्रदान कर उत्साहवर्धन किया और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
कुलाधिपति महोदया ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जितनी महत्वपूर्ण भूमिका शैक्षिक संस्थानों की है। उतनी ही उनकी दूरदर्शिता की है। समय के साथ नए बदलावों को अपनाने से ही शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएंगे। नई शिक्षा नीति में मूल्यांकन की संवेदनशील व्यवस्था पर चर्चा कराके शैक्षिक संस्थान और राष्ट्र दोनों ही इस हेतु वित्तीय संसाधन और उसके बेहतर प्रबंधन के लिए प्रयास करें। नई शिक्षा नीति स्वदेशी ज्ञान और तकनीकी आधार पर नए भारत को शक्तिशाली बनाने में सहायक होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि नई शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान शक्ति के सहारे आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करेगा; विश्व के तेजी से बदल रहे परिवेश में आत्मनिर्भरता का महत्व बढ़ रहा है। स्वदेशी के क्षेत्र में रचनात्मक कार्यो की बहुत संभावनाएं हैं। विश्वविद्यालय केवल डिग्री बांटने तक का कार्य न करे बल्कि कौशल विकास को बढावा देने को प्राथमिकता दें। पंडित दीनदयाल के अंत्योदय के विचारों को आम जनमानस तक पहुंचाएं। आप सभी विद्यार्थियों में आसमान को छू लेने की अपार संभावनाएं हैं। आप प्रदेश और देश के विकास में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं। 11-14 अप्रैल तक आयोजित होने वाले टीकाकरण अभियान के तहत अपने परिवार के लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। विश्वविद्यालय भी अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को जागरूक करें। भारतीय वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। वैज्ञानिकों के परीक्षण के बाद वैक्सीन को बाजार में उतारा गया है। सोशल मीडिया पर उडने वाली अफवाहों पर ध्यान मत दें।
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