ब्यूरो चीफ मुकेश मिश्र
अंबेडकरनगर। जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने में दिक्कतें हो रही हैं। अलग-अलग बीमारियों के चलते मरीजों की तादाद बढ़ी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन के पास जरूरी संसाधन ही उपलब्ध नहीं हैं। शुक्रवार को संचालित 100 बेडों की तुलना में 172 मरीजों को भर्ती किया गया। इससे पहले भी क्षमता से ज्यादा मरीज भर्ती किए गए हैं। इस बीच जिला अस्पताल प्रशासन ने बीते दिनों स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजकर कम से कम 100 और बेड संचालित करने के लिए दवा, मैन पावर व बजट उपलब्ध कराने की मांग की है।मरीजों का सस्ते में बेहतर इलाज सुनिश्चित हो, इसके लिए वर्ष 2006 में जिला अस्पताल की स्थापना की गई थी।
300 बेड की क्षमता वाले जिला अस्पताल के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च किए गए। जिला अस्पताल की स्थापना हुए लगभग डेढ़ दशक पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक मात्र 100 बेड का ही संचालन हो सका है। शेष 200 बेड का संचालन महज इसलिए नहीं हो पा रहा, क्योंकि न सिर्फ मैन पावर की कमी है, बल्कि बजट भी नहीं मिल रहा है। इसका खामियाजा अक्सर मरीजों व तीमारदारों को भुगतना पड़ता है।इन दिनों भी कुछ इसी प्रकार की मुश्किलें आ रही हैं। दरअसल मौजूदा समय में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है।
ऐसे में विभिन्न प्रकार के संचारी रोग फैलने लगे हैं। इससे जिला अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। आलम यह है कि शुक्रवार को 100 बेड के संचालन के बीच 172 मरीजों को भर्ती किया गया, जबकि एक दिन पहले गुरुवार को 162 मरीज भर्ती किए गए थे। जाहिर तौर पर ज्यादा मरीजों के आ जाने से जिला अस्पताल प्रशासन को वैकल्पिक प्रबंधों के जरिए मरीजों को भर्ती करना पड़ता है। इसमें कई बार कठिनाई भी उत्पन्न होती है। सबसे ज्यादा समस्या सभी मरीजों को समुचित ढंग से अटेंड करने में आती है।
अस्पताल में बढ़ाई जाएं व्यवस्थाएं
तीमारदार लालजी व जितेंद्र ने कहा कि बेहतर इलाज के लिए मरीज बड़ी उम्मीदों के साथ जिला अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें यहां समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। बेड की संख्या मरीजों की तुलना में काफी कम है। मरीजों के हित को देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। तीमारदार राजेंद्र व इमरान ने कहा कि जिला अस्पताल में क्षमता तो 300 बेड की है, लेकिन लंबे समय से मात्र 100 बेड का ही संचालन हो रहा है। समय बढ़ने के सथ ही मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। इसे देखते हुए जिला अस्पताल में व्यवस्था बढ़ाई जानी चाहिए। रामनिहोर ने कहा कि बेडों की तुलना में मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से मरीजों को दवाएं बाहर से लानी पड़ती हैं। कारण यह कि जिला अस्पताल में 100 बेड के अनुसार ही दवाएं उपलब्ध हैं। ऐसे में इससे अधिक मरीज जब भर्ती होते हैं, तो उन्हें बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ती हैं।
स्वास्थ्य निदेशक को भेजा पत्र
जिला अस्पताल की क्षमता 300 बेड की है। मौजूदा समय में 100 बेड ही संचालित हैं। मैन पावर व बजट की कमी के चलते ही शेष 200 बेडों का संचालन नहीं हो रहा है। बीते दिनों ही स्वास्थ्य निदेशक को पत्र भेजा गया है। इसमें कम से कम 100 अन्य बेड के संचालन के लिए दवा, मैन पावर व बजट उपलब्ध कराने की मांग की गई है।