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भर्तियों के बहाने पूर्व सरकार पर किया कटाक्ष: योगी आदित्यनाथ

 

ब्यूरो रिपोर्ट सत्यम सिंह IBN NEWS अयोध्या

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बांटे नियुक्ति पत्र, बोले- पहले चाचा-भतीजा के बीच बंटती थी नौकरियां, अब मेरिट ही आधार
जाति और मजहब देखकर दी जाती थी नियुक्तियां

309 पदों पर निकली गई थी भर्ती

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बेरोजगारों के लिए राज्य में मिशन रोजगार चला रही है। इसी के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को बेसिक शिक्षा परिषद के नव नियुक्त 271 खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। लखनऊ के लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार वर्ष के इस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल हुए हैं। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को पारदर्शी और सुचितापूर्ण तरीके से नियुक्ति पत्र देकर उनकी प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ प्रदेश के विकास के लिए ले पाने में सफल हो रहे हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पारदर्शिता के साथ चयन की बात करते हुए बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के पहले जाति और क्षेत्र के आधार पर नियुक्ति होती थी। एक खानदान के लोगों में भर्तियां बंट जाती थीं कि ये चाचा देखेंगे, ये मामा और ये भतीजा। जैसे महाभारत में एक परिवार था। सीएम योगी ने तंज कसा कि यह महाभारत के ही पात्र हैं, जिन्होंने फिर से जन्म लिया है।

 

चार वर्ष में सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग में एक लाख बीस हजार भर्तियों का दावा करते हुए सीएम आदित्यनाथ सरकार ने खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा कि प्रतियोगी छात्र के रूप में आपको जो अपेक्षा शासन से रही होगी, वही अपेक्षा आज शासन को आपसे है। बच्चों की नींव मजबूत करने का दायित्व आप पर है। सीएम योगी ने स्पष्ट कहा कि कुछ लोग नौकरी शुरू करते ही भ्रष्टाचार से घिर जाते हैं। उनके कदम लड़खड़ा जाते हैं। फिर उन्हें बर्खास्त करना पड़ता है। ध्यान रखें कि कोई बीमार है तो मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर छुट्टी दें, पैसा लेकर नहीं। कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा संजीव मित्तल ने भी संबोधित किया।

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से चार वर्ष पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की गरिमा दांव पर लगी थी। जाति, क्षेत्र, मत और मजहब देखकर नियुक्तियां दी जाती थी। धनबल और बाहुबल का का भरपूर दुरुपयोग होता था। उन स्थियों में पारदर्शिता और सुचिता कपोल कल्पना मात्र थी। लेकिन, आज सभी चयन आयोगों से पारदर्शी तरीके से अभ्यर्थियों का चयन हो रहा है। सरकार ने आयोगों और बोर्डों को पहले ही कह दिया था कि कहीं भी पक्षपात या भ्रष्टाचार की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी। इसकी का परिणाम है कि आज कोई भी युवा भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं करता है।
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने नव नियुक्त अभ्यर्थियों से पूछा कि भर्ती के दौरान किसी को सिफारिश की आवश्यकता पड़ी? जवाब नहीं में आया तो सीएम योगी ने फिर पूछा कि किसी अधिकारी नेता, मंत्री या उनके घर के लोग आपसे पैसे वसूलने के लिए आए हों?

 

इसका भी जवाब नहीं में आया तो उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले ऐसा होता था। कोई खानदान था जिनमें अलग-अलग भर्ती आवंटित हो जाती थी कि ये भर्ती चाचा देखेंगे, ये भर्ती भाई देखेंगे या भतीजा देखेगा। ये चाचा, काका, मामा ये महाभारत काल में सुने होंगे या फिर वर्ष 2012 से 2017 के बीच में सुने होंगे। ये महाभारत के वही पत्र हैं जिन्होंने फिर से जन्म लिया है। वे लोग जैसे महाभारत करते भारत की प्रगति को बाधित किए थे वैसे ही इन लोगों ने फिर से प्रदेश के विकास को बाधित किया।

 

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने खंड शिक्षा अधिकारियों के लिए 309 पदों पर विज्ञापन निकाला था, जिसमें से 271 सफल घोषित हुए। प्रदेश में 12 साल बाद खंड शिक्षा अधिकारियों की नियुक्ति हुई है। खंड शिक्षा अधिकारी 2019 की मुख्य परीक्षा में 271 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए थे। खंड शिक्षा अधिकारी 2019 की मुख्य परीक्षा 6 दिसंबर, 2020 को आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में कुल 4182 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

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