फरीदाबाद से बी.आर. मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद: ग्रेटर फरीदाबाद स्थित एकॉर्ड अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने एक जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर नया रिकॉर्ड बनाया। इराक के 65 वर्षीय अब्दुल करीम, जो वर्षों से पित्त की नली में बड़े स्टोन की समस्या से जूझ रहे थे, उनका एंडोस्कोपिक तकनीक से इलाज किया गया।
तीन दिन में निकाले गए स्टोन के टुकड़े
विशेषज्ञों की टीम ने ईआरसीपी, स्पाई ग्लास तकनीक और थुलियम लेजर की मदद से लगातार तीन दिन तक अलग-अलग चरणों में स्टोन को टुकड़ों में विभाजित कर सफलतापूर्वक बाहर निकाला। ऑपरेशन के बाद मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।
डॉक्टरों की टीम ने रचा इतिहास
इस जटिल ऑपरेशन को एकॉर्ड अस्पताल के सबसे बड़े गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की टीम ने अंजाम दिया, जिसमें शामिल थे:
डॉ. रामचंद्र सोनी (चेयरमैन, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग)
डॉ. तनवी सावंत
डॉ. लोहित
डॉ. देव प्रतिम
अस्पताल के चेयरमैन डॉ. ऋषि गुप्ता ने पूरी टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी।
पहले कई देशों में कराया इलाज, नहीं मिली राहत
अब्दुल करीम कई वर्षों तक पित्त की नली में स्टोन की समस्या से जूझते रहे। उन्होंने विभिन्न देशों में इलाज कराया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। पित्त में रुकावट और बार-बार पीलिया होने के कारण उनकी हालत गंभीर होती जा रही थी और संक्रमण के चलते जान को खतरा बढ़ गया था।
8 सेंटीमीटर लंबा स्टोन निकाला, मेडिकल रिकॉर्ड बना
डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान 8 सेंटीमीटर लंबा और 2 सेंटीमीटर चौड़ा स्टोन निकाला, जो कि मेडिकल इतिहास में दुर्लभ है। विशेषज्ञों के अनुसार, इतने बड़े स्टोन को बिना ओपन सर्जरी के निकालना एक मेडिकल उपलब्धि है और यह एक नया रिकॉर्ड बन गया है।
मरीज ने जताया आभार
सफल ऑपरेशन के बाद अब्दुल करीम ने राहत की सांस ली और अस्पताल की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया। डॉक्टरों के मुताबिक, यह तकनीक पित्त की गंभीर समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
इस मौके पर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता भी मौजूद रहे।