फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद:पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने अपने कार्यालय में फरीदाबाद के पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता का आयोजन कर पुलिस से संबंधित विषयों बारे चर्चा की गई। वार्ता के दौरान पत्रकारों द्वारा उठाएं गए बिंदुओं का समाधान करने बारे आस्वस्त किया गया। वार्ता के दौरान मुख्य रुप से यातायात व्यवस्था,साइबर अपराध व अन्य विषयों पर हुई चर्चा। पुलिस आयुक्त ने वार्ता के दौरान पत्रकारों का स्वागत करते हुए कहा कि आमजन को जागरुक बनाने के लिए मीडिया का अह्म योगदान होता है। उन्होने कहा कि पुलिस से संबंधित विभिन्न विषय जैसे यातायात व्यवस्था,साइबर अपराध,महिला विरुद्ध अपराध,पुलिस की हेल्प लाइन सुविधाओं बारे खबरों के माध्यम से आमजन को जागरुक करने में पुलिस का सहयोग करें। उन्होंने वार्ता के दौरान कहा कि फरीदाबाद में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यातायात पुलिस प्रतिबद्ध है पुलिस द्वारा लोगो को जागरुक करते यातायात नियमों की जानकारी दी जा रही है।
वर्तमान समय में सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाती है जिसकी कारण दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ जाती है,अगर अनिवार्य है तो ही वाहन लेकर निकले अन्यथा वाहन का कम प्रयोग करें। उन्होनें कहा कि वाहन चालक सड़क पर वाहनों की पार्किंग ना करें,अगर किसी कारणवश वाहन खड़ा करना पड़ता है तो सड़क के साइड में गाडी खड़ी करें और पार्किंग लाइट का प्रयोग करें तथा गाडी के आगे-पिछे ट्रैफिक कोण लगाए। रॉन्ग साइड गाड़ी कभी ना चलाए। गति सीमा के अंतर्गत ही गाडी को चलाए तथा शराब या अन्य नशे का सेवन करके ड्राइव बिल्कुल भी ना करें। शायं 5 से 8 बजे के बीच यातायात अपनी चरम सीमा पर होता है। जिसके लिए अलग से ड्युटिया लगाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्त की जाएगी जिसके लिए SPOS की भर्ती की जा रही है। साइबर अपराध के बारें में जानकरी देते हुए बतलाया कि इन अपराधों का अनुसंधान तकनीकी विषयों पर आधारित है जिसके लिए निपुर्ण अनुसंधान अधिकारी को नियुक्त किया जाता है।
साइबर अपराधों के अनुसंधान के बारें में पुलिस कर्मचारियों को प्रक्षिशित किया जा रहा है और योग्य अनुसंधान अधिकारियों को ही साइबर अपराध का कार्य सौंपा हुआ हैं,निकट भविष्य में साइबर अपराध के कार्यों में योग्य अनुसंधान अधिकारियों की बढोतरी की जाएगी। उन्होने कहा की साइबर अपराधी विभिन्न प्रकार से लोगों के साथ ठगी करते है जैसे लॉटरी निकलना,डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाना,शेयर मार्किट में निवेश कराना,लिंक भेजकर गुमराह करना इत्यादि शामिल है।लॉटरी फ्रॉड के संबंध में बताया कि जब आपने कोई फॉर्म ही नही भरा तो आपका नाम कैसे लॉटरी के लिए आ सकता है,यह सोचना चाहिए,इसके अतिरिक्त संबंधित बैंक से जानकारी लें तथा पूरी तरह जागरुक बनें।
डिजिटल अरेस्ट के संबंध में उन्होनें कहा कि इस प्रकार की गिरफ्तारी(डिजिटल अरेस्ट) का कानून में कोई प्रावधान नही है। डिजिटल अरेस्ट नया साइबर स्कैम है,जिसमें स्कैमर्स खुद को पुलिस अधिकारी/कस्टम अधिकारी व अन्य जांच एजेंसी के अधिकारी बनकर लोगों को किसी भी अपराध में फसाने या किसी अपराध में संलिप्त होने का डर दिखाकर डराते व धमकाते हैं और फिर आपको पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर देते हैं। जब आप द्वारा कोई अपराध किया ही नही है तो डरने की आवश्यकता क्या है। पुलिस या अन्य एजेंसी इस प्रकार से डिजिटल अरेस्ट नही करती है और ना ही ऐसी किसी व्यवस्था का कानून में कोई प्रावधान है इसलिए जागरुक बने और सुरक्षित रहें।
उन्होंने आगे कहा कि अगर आपके साथ कोई साइबर ठगी होती है तो गोल्डन ऑवर(वरदात के 6 घंटे के अंदर) में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर साइबर ठगी की वारदात के संबंध में शिकायत दर्ज कराए।इससे साइबर अपराधियों के बैंक खातों में आपके पैसे को जाने से पहले फ्रीज कर दिया जाता है।उन्होंने जानकारी देते हुए बतलाया कि फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त का पदभार संभालने के बाद से ही उनके द्वारा अपराध पर अंकुश लगाने के लिए दोपहिया वाहन चालको की चेकिंग आरम्भ करा दी गई है। चेकिंग के दौरान 15 से 35 वर्ष के बीच के शरारती किस्म/नौजवानों को चेक किया जा रहा। चोरी,लूट,स्नैचिंग की वारदातों की समीक्षा में सामने आता है कि इस प्रकार की वारदातों में दोपहिया वाहनों के चालको की संलिप्त रहती है।
जिस वजह से इस तरह की चेकिंग आरम्भ कराई गई है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दास्त नही किया जाएगा। जिसको लेकर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर कार्य किया जा रहा है। सभी कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि ईमानदारी से ड्युटियां करें। अवैध खनन के संबंध में पूछे गए सवाल में उन्होनें कहा कि अवैध खनन के संबंध में सख्त कार्यवाही की जाएगी। अवैध खनन में किसी भी कर्मचारी की कोई संलिप्त सामने आएगी तो सख्त कार्यवाही करते हुए विभागी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों को गम्भीरता से लिया जा रहा है।
जब भी कोई शिकायकर्ता संबंधित थाना/चौकी व कार्यालय में आता है तो शिकायकर्ता को रसीद प्रदान की जाती है। जिससे वह अपनी शिकायत के बारे में जानकारी ले सकता है।शिकायतों की संबंध में की गई कार्यवाही के बारें में फिडबैक लिया जा रहा है जिसकी समय समय पर समीक्षा की जाती है सभी पुलिस उपायुक्त,सहायक पुलिस आयुक्त,प्रभारी थाना व चौकी को निर्देशित किया गया है कि निष्पक्षता से शिकायतों की जांच की जाकर शिकायतों का निष्पादन किया जाए।