फरीदाबाद से बी.आर. मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ऋतु यादव ने जानकारी दी कि शनिवार को हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति लिसा गिल के निर्देशानुसार पूरे हरियाणा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
इसी क्रम में फरीदाबाद जिला न्यायिक परिसर, सेक्टर-12 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन संदीप गर्ग की अध्यक्षता में लोक अदालत आयोजित हुई।
16 बेंचों का गठन, हजारों केसों का निपटारा
CJM ऋतु यादव की देखरेख में आयोजित इस लोक अदालत में 16 न्यायिक बेंचों का गठन किया गया, जिसमें विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया।
लोक अदालत में गठित न्यायिक बेंच:
पुरुषोत्तम कुमार (अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश)
राजेश कुमार यादव (अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश)
विनीत सपरा (अतिरिक्त प्रिंसिपल जज, फैमिली कोर्ट)
संदीप कुमार यादव (अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी)
जिज्ञासा शर्मा, रमणीक कौर, अविनाश यादव, आकृति वर्मा, अनिल कुमार, वीरेंद्र कुमार, प्रगति राणा, निधि, सरिता सोलंकी, डॉ. सारिका, पारस चौधरी, नीतिका भारद्वाज (सभी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी)
किन मामलों का निपटारा हुआ?
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 52687 केस प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 50923 केसों का निपटारा आपसी सहमति से हुआ। इन मामलों में शामिल रहे:
मोटर वाहन दुर्घटना से जुड़े मामले
छोटे-मोटे आपराधिक मामले
चेक बाउंस केस
बिजली विवाद से संबंधित मामले
समरी चालान व श्रमिक विवाद केस
वैवाहिक और दीवानी मामले
बैंक रिकवरी व रेवेन्यू से जुड़े मामले
ट्रैफिक चालानों का बड़े पैमाने पर निपटारा
इस लोक अदालत में सबसे अधिक ट्रैफिक चालान से संबंधित मामलों का निपटारा किया गया, जिससे लोगों को राहत मिली।
लोक अदालत के फैसले की विशेषताएँ
लोक अदालत में निपटाए गए मामलों में सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं हो सकती।
कोर्ट फीस वापस कर दी जाती है।
केस का निपटारा हमेशा के लिए हो जाता है।
लोगों का समय और पैसा दोनों बचता है।
आपसी सहमति से समाधान होने पर सामाजिक सौहार्द बना रहता है।
CJM ऋतु यादव ने बताया कि लोक अदालत में विवादों के निपटारे से न्याय प्रक्रिया तेज और प्रभावी होती है, जिससे आम जनता को त्वरित न्याय मिलता है।