पानी के अभाव में पन्द्रह हजार हेक्टेयर धान की खेती के लिए नही पड़ी नर्सरी
मिर्जापुर: मड़िहान पानी के अभाव में तहसील क्षेत्र के पन्द्रह हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती के लिए नर्सरी नही पड़ सकी।क्षेत्र के सैकड़ो किसान नहर में पानी छोड़े जाने की मांग कर रहे है।जिससे कि समय से धान की रोपाई की जा सके।
मड़िहान तहसील के अभिलेखों में19हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित दर्ज कहने को है।सिचाई के लिए नहर व विद्युतपम्प के शिवा दूसरा कोई संसाधन नही है।खेती नहर के पानी पर निर्भर है।हला की मड़िहान तहसील क्षेत्र में सिचाई के लिए धधरौल बाँध से निकली मुख्य घाघर नहर,सोनपम्प नहर,मुक्खा नहर,सिरसी आदि नहरों का जाल बिछा है।
इसके अलावा बकहर नदी में गुरुदेव नगर समेत आधा दर्जन से ऊपर बिजली से चलने वाले पम्प व नहर आदि की भी व्यवस्था की गयी है।महत्वपूर्ण बात यह है कि बरसात नही हुयी तो सभी संसाधन किसानों के लिए बेकार हैं।आकड़ो के बाजीगर विकास बिभाग तालाब,बंधी व चेकडैम आदि की खोदाई पर प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च करता है।बावजूद तालाबों की गहराई जस की तस बनी रहती है।विकास के खेल में कही भी एक बूंद पानी देखने को नही मिलेगा।बारिस में हो रही देरी की वजह से किसानों में चिंता की लकीरें बढ़ती जा रही है।क्षेत्र में17हजार हेक्टेयर असिंचित उपजाऊ भूमि है।किन्तु बारिस के भरोसे ही किसानों की उपज संभव है।
मड़िहान तहसील में 49हजार किसान हैं।निजी संसाधन वाले किसानो की नर्सरी तैयार है।किन्तु पानी के अभाव में रोपाई नही हो रही।अधिकतर किसान धधरौल बाँध से मुख्य घाघर नहर के मड़िहान ब्रांच में पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं।पन्नालाल पटेल,शिवकुमार यादव,महेन्द्र प्रताप सिंह,प्रदीप कुमार,राजेश सिंह,रंजन शुक्ल,विनोद कुमार सिंह,सूर्य प्रताप सिंह आदि किसानों का मानना है कि तीन दिन के लिए नहर में पानी आ जाता तो समय से धान की नर्सरी पड़ सकती है।
रिपोर्ट विकास चन्द्र अग्रहरि ibn24x7news मिर्जापुर