फरीदाबाद से बी.आर. मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद: जापान के एहिमे विश्वविद्यालय से दो सदस्यीय शैक्षणिक प्रतिनिधिमंडल ने आज जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य दोनों विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा करना था।
प्रतिनिधिमंडल ने खेल डेटा विश्लेषण, अवसंरचना और आपदा प्रबंधन के अत्याधुनिक अनुसंधान क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर विचार-विमर्श किया और संयुक्त अनुसंधान के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य
प्रतिनिधिमंडल में जापान के एहिमे विश्वविद्यालय से दो प्रमुख विशेषज्ञ शामिल थे—
1. प्रो. नेत्र प्रकाश भंडारी – पर्यावरण डिजाइन विभाग के प्रोफेसर और आपदा प्रबंधन सूचना विज्ञान अनुसंधान केंद्र के निदेशक।
2. डॉ. अकीरा यामानाका – क्षेत्रीय संसाधन प्रबंधन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं पूर्व पेशेवर फुटबॉल प्रशिक्षक।
संवाद सत्र और प्रमुख चर्चा बिंदु
बैठक की अध्यक्षता जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने की।
अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की निदेशक प्रो. मनीषा गर्ग ने विश्वविद्यालय की शोध क्षमताओं और रणनीतिक क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।
कुलपति प्रो. तोमर ने कहा कि विश्वविद्यालय वैश्विक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है और प्रमुख विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ नवाचार और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने पर कार्य कर रहा है।
उन्होंने इस सहयोग को भारत-जापान के सांस्कृतिक और शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करने वाला बताया।
संयुक्त अनुसंधान और नवाचार पर जोर
प्रो. भंडारी ने जापान की भूवैज्ञानिक गतिशीलता पर प्रकाश डालते हुए आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे और एआई-संचालित जोखिम मूल्यांकन मॉडल में संयुक्त अनुसंधान का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने बताया कि जापान सरकार स्टूडेंट एक्सचेंज और अंतर-विषयक नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ शैक्षणिक आदान-प्रदान को प्राथमिकता देती है।
डॉ. यामानाका ने खेल विज्ञान और डेटा-संचालित रणनीतियों पर व्याख्यान दिया और भारतीय शोधकर्ताओं को एहिमे विश्वविद्यालय में खेल अनुसंधान के लिए आमंत्रित किया।
कार्यक्रम का समापन
सत्र का समापन संवादात्मक प्रश्नोत्तर के साथ हुआ, जिसमें जापान में शिक्षा और अनुसंधान के अवसरों को लेकर प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर दिया गया।
अंत में, प्रो. संध्या दीक्षित ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को उनके ज्ञानवर्धक योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम का संचालन और समन्वयन डॉ. रश्मी पोपली ने किया। इस दौरान विभिन्न शिक्षण विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और शोधार्थी उपस्थित रहे।