फरीदाबाद से बी.आर. मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद: जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के महिला प्रकोष्ठ (आंतरिक शिकायत समिति-आईसीसी) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों को मान्यता देने के साथ-साथ लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की प्रोफेसर नंदिता शुक्ला सिंह उपस्थित रहीं। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) राज नेहरू, दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. भावना पांडे और विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल की कुलसचिव प्रो. ज्योति राणा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने की।
महिला सशक्तिकरण और समानता पर विचार
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसके बाद कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने “त्वरित कार्यवाही” (Accelerate Action) की वैश्विक विषयवस्तु पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा—
“महिलाओं की उपलब्धियों को मान्यता देना महत्वपूर्ण है, लेकिन लैंगिक समानता के लिए निरंतर प्रयास करना भी आवश्यक है।”
मुख्य अतिथि प्रो. नंदिता शुक्ला सिंह ने सुरक्षित कार्यस्थल और लिंग-संवेदनशील शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा—
“सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं को समानता देना है, न कि उन्हें श्रेष्ठ मानना।”
राज नेहरू ने अपने संबोधन में कहा—
“प्रत्येक व्यक्ति के भीतर शिव और शक्ति का वास होता है, जो जीवन में संतुलन के लिए आवश्यक है। सशक्तिकरण आत्म-जागरूकता से शुरू होता है, और हर समस्या का समाधान हमारे भीतर ही है।”
प्रो. ज्योति राणा ने कार्य-जीवन संतुलन की तुलना में कार्य-जीवन एकीकरण को अधिक महत्वपूर्ण बताया, जबकि प्रो. भावना पांडे ने कहा—
“महिला दिवस एक पश्चिमी अवधारणा हो सकती है, लेकिन भारतीय संस्कृति ने हमेशा महिलाओं को शक्ति के स्तंभ के रूप में सम्मान दिया है।”
विशेष प्रस्तुति और सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस अवसर पर जे.सी. बोस जर्नल ऑफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज के पहले संस्करण का अनावरण किया गया, जिसे विश्वविद्यालय की महिला संकाय सदस्यों द्वारा प्रकाशित और संपादित किया गया है।
इसके अलावा, विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक गीत-संगीत एवं नृत्य प्रस्तुतियां दी गईं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।
समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का समापन प्रो. संध्या दीक्षित के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने अतिथि वक्ताओं और आयोजन टीम को धन्यवाद देते हुए प्रो. नीलम तुर्क, प्रो. मनीषा गर्ग, प्रो. लखविंदर सिंह, रेणु डागर और आरती सिंह सहित आईसीसी टीम के सदस्यों के समर्पित प्रयासों की सराहना की।
निष्कर्ष
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का यह आयोजन महिला सशक्तिकरण, समानता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रभावशाली पहल साबित हुआ।