फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद:कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने अपनी धर्मपत्नी एवं परिवार के साथ पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब में मत्था टेका। उन्होंने गुरु नानक देव जी द्वारा व्यतीत किए गए 18 वर्षों के इस पवित्र स्थल के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान गोयल ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि गुरु नानक देव का जीवन हमें मानवता,सेवा और सद्भाव का संदेश देता है। करतारपुर साहिब में मत्था टेककर हमने उस दिव्यता का अनुभव किया,जो करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस तीर्थ यात्रा को संभव बनाने के लिए विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते का नवीनीकरण पांच वर्षों के लिए हुआ,जिसके तहत 20 अमेरिकी डॉलर का शुल्क हटाकर इसे निःशुल्क रखा गया। इससे श्रद्धालुओं को सहजता और सुविधा मिली है। सिखों के इस पवित्र धाम की ऐतिहासिक और धार्मिक विशेषताएं।
करतारपुर साहिब,सिखों के पहले गुरु,गुरु नानक देव का निवास स्थान था। उनके जीवन के अंतिम समय में वे यहीं ज्योति में विलीन हुए। उनकी स्मृति में यहां गुरुद्वारे का निर्माण किया गया। पहले श्रद्धालुओं को इस पवित्र स्थल के दर्शन दूरबीन से करने पड़ते थे,क्योंकि यह पाकिस्तान की सीमा में स्थित है। पंजाबी में करतारपुर कॉरिडोर एक वीजा-मुक्त सीमा पार धार्मिक गलियारा है,जो भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान के नरोवाल स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ता है। यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं को बिना वीजा के सीमा पार जाकर दर्शन करने की सुविधा देता है। यह क्रॉसिंग 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में दिल्ली-लाहौर बस कूटनीति का हिस्सा थी।
26 नवंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय पक्ष में कॉरिडोर की आधारशिला रखी। 12 नवंबर 2019 को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर यह कॉरिडोर पूर्ण रूप से तैयार हो गया। पिछले साल अक्टूबर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते का नवीनीकरण किया गया। इसके साथ ही 20 अमेरिकी डॉलर का शुल्क हटाकर इसे निःशुल्क कर दिया गया,जिससे श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा और सुगम हो गई।आस्था और प्रेरणा का केंद्र इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने पवित्र गुरुद्वारा साहिब में अरदास की और गुरु नानक देव के उपदेशों को याद किया। गोयल ने कहा कि यह यात्रा न केवल हमारी धार्मिक आस्था को मजबूत करती है,बल्कि हमें गुरु नानक देव के सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा भी देती है। करतारपुर साहिब में दर्शन अब सहज और सरल हो गए हैं। यह यात्रा गुरु नानक देव की शिक्षा और उनके द्वारा दिखाए गए मानवीय मूल्यों को समझने का एक अवसर है,जो भी मानवता के लिए प्रासंगिक हैं।