June 25, 2018,
अब मदरसा शिक्षा में बदलाव की तैयारी में केंद्र सरकार, बोर्ड से मान्यता लेना होगा अनिवार्य
इरम आगामानव संसाधन मंत्रालय मदरसा शिक्षा में बदलाव की योजना पर विचार कर रहा है. इसके पीछे मंत्रालय का मकसद मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान (SPQEM) करना है. इस प्लान के तहत शिक्षण संस्थाओं को मदरसा बोर्ड या फिर स्टेट बोर्ड से संबद्धता लेना अनिवार्य होगा|
HRD से जुड़े सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकारों ने इस संबंध में प्रपोजल दे दिए हैं जिनकी स्टडी की जा रही है. ये प्रपोजल इस योजना के लिए निर्धारित किए गए प्लान पर आधारित हैं.एक सूत्र ने कहा, “SPQEM का मकसद मदरसा शिक्षा में सुधार लाना है और वहां पढ़ने वाले छात्रों को देश के अन्य छात्रों की तरह ही औपचारिक विषयों की शिक्षा देना है. सरकार की योजना है इन शिक्षण संस्थाओं को मदरसा बोर्ड और स्टेट स्कूल बोर्ड से संबद्ध कराने की है.”इस बदलाव के तहत सरकार देशभर के मदरसों को जीपीएस की मदद से मैप करेगी. सूत्र ने बताया, “इसके लिए एचआरडी मंत्रालय मदरसों के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन अनिवार्य करने की योजना बना रहा है ताकि जीपीएस की मदद से उनकी लोकेशन आसानी से ट्रेस किया जा सके|
पिछले साल मंत्रालय ने SPQEM के तहत आने वाले स्कूलों से अपनी जीपीएस लोकेशन शेयर करने के लिए कहा था. जिन मदरसों ने जीपीएस डिटेल नहीं दी थी उनके शिक्षकों का पेमेंट रोक दिया गया था.इस योजना के तहत मदरसों को औपचारिक विषयों जैसे विज्ञान, गणित, अन्य भाषाएं, सामाजिक विज्ञान जैसे विषय पढ़ाने के लिए भी तैयार किया जाएगा. इससे पहले टीचिंग मटेरियल्स में बदलाव के चलते मदरसों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल्स से मान्यता प्राप्त संस्थाओं के रूप में जोड़ने में मदद मिली थी. इसके तहत मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को कक्षा 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं का सर्टिफिकेशन मिला था.मुस्लिम बहुल इलाकों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई योजना के तहत नए स्कूल खोलने की योजना भी बना रही है. इस योजना को समग्र शिक्षा अभियान नाम दिया गया है|
रिपोर्ट विजय कुमार शर्मा ibn24x7news बिहार