फरीदाबाद:रमजान के महीने का अाखिरी हिस्सा चल रहा है | इस हिस्से में अल्लाह की ज्यादा इबादत करनी चाहिए | हम अल्लाह को राजी करते हैं कि हमारी इबादत को अल्लाह काबूल कर लेते हैं | रमजान के इस हिस्से में हमारी जिम्मेदारी गरीबों की मदद करने के लिए है | हमारे आसपास,गली-मोहल्ले और पड़ोस में कोई जरूरतमंद या विधवा हो तो हमें उसकी मदद करनी चाहिए |
रोजेदारों को इफ्तार कराना भी एक सबाब का काम है | अल्लाह हमें यह सबाब कमाने का मौका देते हैं | तन्जिम-उल-मोमेन्निन के सदर जनाब नुकियत हसन्न ने बताया कि रमजान मुबारक महीने में रोजेदार जितनी भी इबादत करे उतनी ही अल्लाह के कम है |
और पैगंबर साहब को चालीस साल नबूअत मिली | जबकि पैगंबर साहब के बाद कोई पैगंबर नही आने वाले है और अल्लाह ने आखिरी पैगंबर के आने के बाद सबसे बड़ी किताब कुरान उतारी | ओर कुरआन पाक में तीस पारे नाजील किए |
बी.आर.मुराद की रिपोर्ट
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