टीम आईबीएन न्यूज़
ब्युरो रिपोर्ट
गाजीपुर: पूर्व आबकारी अधिकारी की खाउ कमाऊ नीति पर अंकुश लगाने के बजाय नये अफसर के आने से जिले में नशा तस्करों के हौसलें बुलन्द। जिले की सभी तहसील व ब्लाक मुख्यालय की बाजारों में सरकारी भांग के दुकान का बोर्ड लगाकर खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है। यही नही हद तो यह है कि जिला मुख्यालय पर आबकारी आफिस के ठीक बगल में लंका पीकेट के सामने दिन भर खुले आम नशीले पदार्थ बिक रहे है। इसकी जानकारी न तो आबकारी विभाग को है न ही कोतवाली थाने को है जबकि यह दुकान पुलिस पीकेट के ठीक सामने है।
*गाजीपुर मे भाग का ठेका चला रहा नरही वसूली व सिपाही हत्याकांड का सूत्रधार?*
बताया जाता है कि कुछ महीने पूर्व बलिया जिले के नरहीं थाने में हुये वसूली काड के साथ-साथ जिले की जमानियॉ तहसील में दो सिपाहियों की शराब तस्करों द्वारा की गयी हत्या के मामले में भी काफी हो हल्ला मचा लेकिन दोनो मामलों में प्रकाश में आने के बाद भी बिहार का बड़ा नशा तस्कर मुन्ना सिंह पुलिस गिरफ्त में नही आया। सूत्रों की माने तो मुन्ना सिंह बड़ा तस्कर है और गाजीपुर जिले में सदर तहसील इलाके की भांग की सरकारी दुकानों का इकलौता ठेकेदार है और उसी की सह पर जिले भर में बिहार से गाजे की खेप जनपद में आती है और जमानियॉ के साथ-साथ मुहम्मदाबाद इलाके से जिले में दाखिल हो जाती है।
*सदर तहसील मे 15 जगहो पर खुलेयाम भाग की दुकानो से हो रहा प्रतिबंधित कारोबार*
सूत्रों की माने तो मुन्ना सिंह बड़ा नशा तस्कर है और सदर इलाके की सरकारी दुकानों का ठेका लेकर आबकारी कार्यालय के बगल में लंका पिकेट सहित महाराजगंज, आदर्श गांव, अंधऊ, चीतनाथ, नबाबगंज, जमानियॉ मोड़, घाट स्टेशन, कठवा मोड़, नन्दगंज बाजार, सिरगिथा बाजार, पहेतिया मोड़ आदि स्थानों पर खुलेआम गांजा बिकवाता है। चर्चा है कि तस्कर ने छोटे मोहरो ंको दुकाने ठेके पर दे रखी है। जिनकी देखभाल के लिये मुन्ना के कारखास जिला मुख्यालय पर ठीकाना बनाकर रहते है। हद तो यह है कि दो साल से लगातार बेखौफ गांजे का कारोबार चला रहे आबकारी विभाग के इस ठीकेदार का चेहरा भी विभाग के लोग नही पहचानते । पिछले वर्ष दुकान रिनीवल कराने भी मुन्ना नही आया यह काम भी उसके कारिन्दे कर गये और विभाग मुह ताकता रह गया।
*बार बार सूचना के बाद ब्यस्तताओं की पाती पढाते है आबकारी के जिम्मेदार*
जिले भर में लगातार बिक रहे गांजे की जानकारी नये आबकारी अधिकारी को भी दी गयी लेकिन समयाभाव व जिले भर में होने वाली शराब की दुकानो की लाटरी में होने वाले कोरम को लेकर व्यवस्ता में महोदय संज्ञान नही ले पाये। इस मामले की जानकारी आबकारी आयुक्त के साथ-साथ आबकारी मंत्री को भी भेजी गयी है देखना है कि बिहार का शातिर गाजंा तस्कर इस बार दुकान रिनीवल कराने विभाग के कार्यालय आता है या उसका व्यापार विभागीय सहयोग से अनवरत जारी रहेगा।