टीम आईबीएन न्यूज़
ब्युरो रिपोर्ट
गाजीपुर: जिला पंचायत की ओर से संचालित निःशुल्क विद्यालय में पढ़ने वाले गरीब छात्र-छात्राओं को शुल्क के रूप में लाखों रूपये वसूलने वाले प्रभारी प्रधानाचार्य की करायी गयी जांच में मामला प्रमाणित होने और जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष को पत्र लिख कड़ी कार्यवाही करने के बारे में लिखे गये पत्र को संज्ञान न लेने के बाद शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी से मिलकर मामले की जानकारी दी है। और इसकी सूचना सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी दी है। इस मामले को आई0बी0एन0 ने प्रमुखता से उठाया था और लगातार प्रधानाचार्य की ओर से विद्यालय के विभिन्न मदों में किये गये भ्रष्टाचार का खुलासा भी किया था।
जिलाधिकारी से की गयी शिकायत में कहा गया कि तीस लाख रूपये गलत तरीके से गरीब छात्रों से वसूला गया है। शिकायत के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने दो सदस्यीय समिति बनाकर जांच करायी गयी जिसमे प्रभारी प्रधानाचार्य हरेन्द्र सिंह पर आरोप प्रमाणित हो गये। लेकिन मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह उनके प्रतिनिधि व पति पंकज सिंह चंचल के साथ-साथ कथित सहयोगी प्रतिनिधि की ओर से मामले को लगातार टरकाया जा रहा है। जबकि प्रधानाचार्य इस मामले को साथ-साथ तमाम मामलो में पूर्व से दोषी है। मामले को जांच जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक को मामले में पत्र लिखने के बजाय कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
जबकि दूसरी तरफ पंकज सिंह चंचल के प्रतिनिधि की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में विद्यालय के प्रधानाचार्य से स्पष्टीकरण मांगा गया हैं और अगर दोष प्रमाणित होता है तो निश्चित रूप से कड़ी कार्यवाही की जायेगी। शिकायतकर्ता ओमकार सिंह ने मांग किया है कि सुहवल इण्टर कालेज के प्रभारी प्रधानाचार्य द्वारा जिलाधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश निर्देश के बाद भी जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा मामले की अवहेलना करने पर उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1931 में प्राविधिक व्यवस्था के अनुसार प्रदत्त नियमों का प्रयोग करते हुये प्रबन्धक के मौजूदा प्रशासनिक व वित्तीय अधिकारों को समाप्त करते हुए नया प्रबन्धक नियुक्त कर दोषी को दण्डित करने की कृपा की जाय।