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मनीष गुप्ता हत्याकांड: बीआरडी मेडिकल कालेज पर भी उठे सवाल

पर्चे पर ब्राड डेड ल‍िखने में बाद शुरू क‍िया इलाज

 

रिपोर्ट ब्यूरो

गोरखपुर। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता का इमरजेंसी पर्चा सार्वजनिक होने से बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में हड़कंप मचा है। 27 सितंबर की रात में बने पर्चे पर मनीष का नाम, उम्र दर्ज होने के साथ ही आने, भर्ती होने व मृत्यु का समय दर्ज है। लेकिन इसी पर्चे पर कोने में बीडी (ब्राड डेड- अस्पताल पहुंचने से पहले मौत) भी लिखा हुआ है। इसे लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्राचार्य ने संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर सवाल-जवाब किया।

 

संबंधित अधिकारियों से किया गया सवाल-जवाब।

 

मीडिया में खबर के साथ मनीष गुप्ता के इमरजेंसी पर्चे की फोटो भी छपी है। इसे लेकर पूरे दिन मेडिकल कालेज में कर्मचारी चर्चा करते रहे। सवाल यह पैदा हो रहा है कि यदि पर्चे पर ब्राड डेड लिखा है तो फिर उसे भर्ती करने की जरूरत नहीं थी। अस्पताल पहुंचने पर जांच के दौरान यदि पता चलता है कि मरीज की मृत्यु हो चुकी है तो डाक्टर पर्चे पर बीडी लिखकर वापस कर देते हैं। लेकिन मनीष के भर्ती पर्चे पर नाम, पता, उम्र लिखने के बाद बीडी लिखकर घेरा गया है। उसके बाद नीचे मानसी हास्पिटल तारामंडल से रेफर होकर रात 2.15 बजे मेडिकल कालेज आने व 2.35 बजे मृत्यु होने की बात लिखी है। एक ही पर्चे पर इन दो परस्पर विरोधी बातों को लिखे जाने से व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है। कानपुर से पहुंची एसआइटी दो दिन से इस गुत्थी को सुझलाने में लगी है। इसके बाद से मेडिकल कालेज में हड़कंप मचा है।

 

रिकार्ड में कैसे हो गई इतनी बड़ी चूक।

 

आमतौर पर मरीज के ब्राड डेड घोषित होने पर उसे भर्ती नहीं किया जाता है। भर्ती किया जाता है तो ब्राड डेड नहीं लिखा जाता है। यदि चूक थी तो दूसरा पर्चा बनाकर इसे दुरुस्त करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पर्चा सार्वजनिक होने से मामले में नया मोड़ आने के साथ ही मेडिकल कालेज जांच का नया केंद्र बन गया है।

 

एसआइटी अब सभी बिंदुओं की गहराई से छानबीन कर रही है।

 

मेडिकल कालेज की व्यवस्था को लेकर सोमवार को बैठक की गई है। मनीष हत्याकांड से बैठक का कोई सरोकार नहीं है। बीडी का मतलब- ब्राड डेड होता है। – डा. गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कालेज।

 

तीसरे दिन होटल और थाने में घंटों की जांच।

 

कानपुर एसआईटी ने होटल कृष्णा पैलेस और रामगढ़ताल थाने में सोमवार की रात एक बार फिर घंटों जांच की है। बताया जा रहा है कि फोरेंसिक टीम ने जो केमिकल लगा पालीथिन छोड़कर आई थी उसके छाप को एकत्र किया। अब इसकी फोरेंसिक जांच होगी। टीम नर्सिंग होम, मेडिकल कालेज जांच के बाद दोबारा होटल में पहुंची थी।वैज्ञानिक साक्ष्य के जरिए एसआइटी पूरी कड़ी को जोड़ रही है।

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