Ibn24x7news रिपोर्ट सुभाष चन्द्र यादव
देवरिया शिवजी इंटरमीडिएट कालेज खुखुन्दू खेल के मैदान में चल रहे नव दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के अन्तिम दिन केरल से पधारे कथा वाचक ब्यास प. राघवेंद्र शास्त्री जी महाराज ने सुदामा चरित्र की कथा अपनी अमृतमयी वाणी से कथा सुनाते हुए कहा कि . सुदामा से परमात्मा ने मित्रता का धर्म निभाया। राजा के मित्र राजा होते हैं रंक नहीं, पर परमात्मा ने कहा कि मेरे भक्त जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता। कृष्ण और सुदामा दो मित्र का मिलन ही नहीं जीव व ईश्वर तथा भक्त और भगवान का मिलन था। जिसे देखने वाले अचंभित रह गए थे। आज मनुष्य को ऐसा ही आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। शास्त्री जी महाराज ने आगे कहा कि कृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता आज कहां है। यही कारण है कि आज भी सच्ची मित्रता के लिए कृष्ण-सुदामा की मित्रता का उदाहरण दिया जाता है। द्वारपाल के मुख से पूछत दीनदयाल के धाम, बतावत आपन नाम सुदामा, सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने पहुंच गए। लोग समझ नहीं पाए कि आखिर सुदामा में क्या खासियत है कि भगवान खुद ही उनके स्वागत में दौड़ पड़े। श्रीकृष्ण ने स्वयं सिंहासन पर बैठाकर सुदामा के पांव पखारे। कृष्ण-सुदामा चरित्र प्रसंग पर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
उन्होंने आगे कहा कि श्रद्धा के बिना भक्ति नहीं होती तथा विशुद्ध हृदय में ही भागवत टिकती है। भगवान के चरित्रों का स्मरण, श्रवण करके उनके गुण, यश का कीर्तन, अर्चन, प्रणाम करना, अपने को भगवान का दास समझना, उनको सखा मानना तथा भगवान के चरणों में सर्वश्व समर्पण करके अपने अन्त:करण में प्रेमपूर्वक अनुसंधान करना ही भक्ति है।
श्रीकृष्ण को सत्य के नाम से पुकारा गया। जहां सत्य हो वहीं भगवान का जन्म होता है। भगवान के गुणगान श्रवण करने से तृष्णा समाप्त हो जाती है। परमात्मा जिज्ञासा का विषय है, परीक्षा का नहीं इस प्रकार कथावाचक शास्त्री जी महाराज ने बहुत ही सुंदर कथा सुनायी।कथा के बीज में कृष्ण सुदामा की झाकी देख कर सभी श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। भजन, गीत व संगीत पर श्रद्धालु देर तक झूमते रहे।श्रीमद भागवत कथा के इस पावन अवसर पर श्रोता सनिवेश द्विवेदी, शैलेन्द्र पांडेय,रमेश राय, शम्भू नाथ तिवारी, अरविंद राय , सुरेश राय, रिंकू पांडेय, डेविड राय, मुन्ना बाबा, सुदामा राय, प्रमोद राय, मुरारी लाल मद्धेशिया, मनोज गुप्ता, जय गोविंद राय, सुभाष यादव, आलोक यदुवंशी,श्रीराम शर्मा अनिता राय, चन्द्र शीला देवी, आशा देवी, कुमारी प्रतिभा राय, प्रियाजली राय, अशोक शर्मा, सहित सभी श्रद्धालु उपस्थित थे |श्री राधा वल्लभ लाल की जय जय श्री राधे श्री ठाकुर जी महाराज की जय जय श्री राधे के जय घोष से पूरा वातावरण भक्ति मय हो गया
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