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बगहा:- हिंदी भारत माता की ललाट की बिंदी है,मातृभूमि की राष्ट्रभाषा हिंदी है। हिंदी दिवस के अवसर पर कविता व निबंध लिखने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया


बगहा संवाददाता दिवाकर कुमार
हिंदी एक भाषा ही नहीं अपितु भारत माता की आत्मा की पुकार है यह भारत की जन भाषा है।
बगहा:- विश्व का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां हिंदी लोग रहते हैं और उस भाषा मैं अपने रोजमर्रा के कार्यों को संपादित करते हैं । हां यह वाक्य उस समय प्रकट हुए।सेवानिवृत्त शिक्षक और हम सभी के परम सम्मानीय गणेश गुरुजी विशारद बोलने के लिए खड़े हुए ।हिंदी दिवस के शुभारंभ पर एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व के रूप में हम सभी के सम्मानीय गुरु जी ने हिंदी विकास में होने वाली बाधाएं और हिंदी को दीमक की तरह चाट रहे लोगों पर भी कटाक्ष करते कहा कि जब हम ही लोगों को अपने ही भाषा से घृणा हैं। तथा जनक या पिता कहलाने की बजाय पापा या फादर कहलवाना पसंद करते हैं ।तब हिंदी का कैसे विकास हो सकता है? आज स्थिति ऐसी हैं। हम सभी हिंदी वासियों शुद्ध हिंदी बोल पा रहे हैं और ना शुद्ध हिंदी अंग्रेजी बोल पा रहे हैं। आज भाषाएं आपस में टकरा रही हैं । श्री गणेश गुरुजी विशारद ने हिंदी की महिमा की चर्चा करते हुए कहा कि हिंदी भारत माता की ललाट की बिंदी है, मातृभूमि की राष्ट्रभाषा हिंदी है। उन्होंने अपनी बात के महाकवि मैथिलीशरण गुप्त की कविता यशोधरा और पंचवटी से शुरू की । हिंदी दिवस के अवसर पर यह बातें बगहा -2 के पटखौली स्थित सन फ्लावर चिल्ड्रेन्स एकेडमी में कहीं गई। हिंदी दिवस के अवसर पर जहां एक ओर विद्यालय के प्रधानाध्यापक रघुवंश मणि पाठक ने हिंदी पखवाड़ा मनाने की घोषणा की ।इस दौरान कविता पाठ, वाद विवाद प्रतियोगिता,चित्रकला प्रतियोगिता, स्वरचित कविता पाठ भाषण का आयोजन एक पखवारे तक होगा। इस अवसर पर बगहा के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व श्री गणेश गुरुजी विशारद मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे जिन्हें अंगवस्त्र देकर तथा फूल की माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया ।साथ ही साथ जागरण मंच के सचिव निप्पू कुमार पाठक द्वारा झोला देकर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन करके किया गया ।इस अवसर पर बच्चों द्वारा हिंदी कवियों की रचनाएं पढी गई ।आदि कवि बाल्मीकि से लेकर कालिदास तक अब्दुल रहीम खानखाना से लेकर रसखान महादेवी वर्मा से लेकर सुभद्रा कुमारी चौहान के साथ साथ हिंदी के सर्वश्रेष्ठ मैथिली शरण गुप्त के अलावे कवि भारतेंदु हरिश्चंद्र की कविताएं जोर-शोर से पढी गई। मंच के सचिव निप्पू कुमार पाठक ने कहा हिंदी के प्रसिद्ध कवि भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कहा है अंग्रेजी पढ़ के जदपि होत प्रवीण पर निज भाषा-ज्ञान बिन रहत हीन के हीन। इसके इसके अलावे नैतिक जागरण मंच के अरविंद कुमार सिंह,हृदयानंद दुबे,अंब्रीश तिवारी,अभिजीत सिंह,मिथिलेश कुमार पांडे,शिक्षक रसेंद्र प्रसाद, गिरिजेश पाठक, अली वाजिद, कुमारी विनीता,बलिराम सिंह साहिस्ता कुमारी,अरमान आलम, सुमन कुमारी आदि ने बातें रखीं। इस अवसर पर कविता या निबंध लिखने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें चयनित बच्चों को पेंटिंग हेतु सामग्री पुरस्कार के रुप में दी गई। हिंदी कविता व निबंध लेखन प्रतियोगिता में चयनित छात्रों मे आयुष्मान अर्क, शिखा कुमारी,आसानी कुमारी, अस्मिता कुमारी ,अभिमन्यु कुमार,अनुष्का कुमारी,कुमकुम कुमारी,इशिका कुमारी,प्रीति कुमारी,आशीष कुमार को प्रथम द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।इस कार्य में कक्षा 10वीं की छात्रा कोमल प्रिया का भी सुंदर योगदान के लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया।

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