वसूली के लिए बदनाम क्षेत्र ललौली में दागी दरोगा की तैनाती, खुलेआम ट्रकों से एंट्री करते हुए यूपी पुलिस को किया था शर्मसार
मोरम घाटों के संचालन के बाद से ट्रकों के आमद में इकट्ठे बढ़ोत्तरी होना स्वाभाविक है और यह पुलिस के लिए ग्रीन सिगनल होता है जब अवैध वसूली करने वाले सिपाही और दरोगा रोड की चौकी थानों की तरफ पोस्टिंग के लिए भागने लगते हैं, विभाग में ही वर्दी पहनकर घूम रहे बहरूपिए, जो पूरी पुलिस कौम को बदनाम करने का काम करते हैं ऐसे लोगों पर मुश्किल से कार्यवाही होने के बाद जब जल्द ही उन्हें तैनाती मिल जाती है तो हजार प्रश्नचिन्ह उठते हैं और अफसरों की सत्यनिष्ठा भी संदिग्ध हो जाती है।
बता दें कि कुछ महीनों के अंदर पुलिस की रोड वसूली के कई मामले सामने आए जिनमे कुछ मामलों में कार्यवाही हुई और कुछ मामले मैनेजमेंट का शिकार हो गए। बीते माह बीस अक्टूबर को जेल चौकी क्षेत्र के नउआबाग में पुलिस की रोड वसूली का एक वीडियो बना और सोशल मीडिया में वायरल हुआ, साथ ही कई समाचार पत्रों व चैनलों ने भी इसको प्रमुखता से चलाया, जिसमें एक दरोगा रजिस्टर लेकर रोड वसूली की एंट्री कर रहा था और सिपाही पांच पांच सौ रुपये प्रति ट्रक वसूल रहे थे।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे यूपी में फ़तेहपुर पुलिस की किरकिरी हुई जिसके बाद वसूली की एंट्री करने वाले जेल चौकी इंचार्ज शैलेन्द्र सिंह व दो सिपाहियों लायक सिंह, कमलेश कुमार को पुलिस अधीक्षक ने निलम्बित कर दिया, इसके बाद पूरे प्रकरण की जांच शुरू हो गई।
एक महीने दस दिन में ही यूपी पुलिस के इस दरोगा को खुलेआम भ्रष्टाचार करने के बावजूद क्लीन चिट मिल गयी और दोबारा ट्रकों से वसूली के लिए बदनाम क्षेत्र ललौली में तैनाती मिल गयी। जबकि अफसरों को पुलिस को शर्मसार करने वाले ऐसे दरोगा और सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा लिखकर कार्यवाही करते हुए एक नज़ीर बनानी चाहिए जिससे कोई भी पुलिसकर्मी इस तरह सरेराह वसूली जैसे निंदनीय कृत्य को अंजाम देने से पहले सौ बार विचार करे।
रिपोर्ट संदीप कुमार ibn24x7news फतेहपुर