लखीमपुर खीरी-उत्तर प्रदेश सरकार के तेज तर्रार मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार को जड से मिटाने के आदेश को यहां के एआरटीओ कार्यालय में कोई मायने नहीं रखता है और विभाग में खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है।विभाग में वैध और अवैध काम बिना किसी रोंक के चल रहे हैं।आरटीओ आफिस लखीमपुर खीरी में खुलेआम दलाली चल रही है जहाँ पर दलाल जिला अधिकारी को भी नहीं डर रहे हैं।
एआरटीओ दफ्तर ऐसी जगह पर चल रहा है जहां जिला अधिकारी का कार्यालय बना हुआ है यहीं पर डीएम जन समस्याओं को सुनते हैं लेकिन एआरटीओ कार्यालय में फैले दलालों पर कोई नजर नहीं पड रही है इससे यह प्रतीत होता है कि परिवहन विभाग में दलाल अधिकारियों के संरक्षण में अपना अवैध धंधा चला रहे हैं।गोपनीय सूत्रों से यह भी सच सामने आया है कि यहां पर दलाल डीएम को भी नहीं डर रहे है और यह तक कहते है कि डीएम साहब भी मेरा कुछ नहीं कर सकते हैं यह हमारी जगह है और मुझसे बडा लखीमपुर में कोई गुन्डा नहीं है।
जबकि कुछ माह पहले एक वीडीओ आरटीओ ऑफिस के एक दलाल का वायरल हुआ था जिसमें उक्त दलाल डीएम को भी धमकी दे रहा था और यह कह रहा था कि जिला अधिकारी भी हमारा कुछ नहीं कर सकते ऐसे में यह कहा जाय कि यह गेट के बाहर बैठे दलाल खुलेआम नागरिकों से अवैध वसूली कर रहे हैं और कैसे आरटीओ आफिस में दलालो की बल्ले बल्ले है आरटीओ आफिस के कर्मचारियों के सह पर कार्यालय के बाहर दलालो के द्वारा जमकर वसूली की जा रही है कोई भी व्यक्ति ड्राईविंग लाइसेंस बनवाने या फिर फीस जमा कराने आता है तो बिना दलालों के वह अपना काम विभाग में आसानी से नहीं करवा सकता है क्योंकि दलालों की सेटिंग विभाग में चल रही है
34कार्यालय के बाहर कार्य कराने की कोई भी फीस तालिका बोर्ड पर अंकित नहीं है आरटीओ कार्यालय के अधिकारी यह सब खेल देखकर अंजान बने हुए हैं जिसके कारण लोगों को दलालों का सहारा लेना पडता है तथा सभी को ठगी का शिकार होना पडता है।नागरिकों को डीएल बनवाने आना हो तो उससे यह पूछा जाता है कि आपको गाडी चलाना आता है उनसे नियम संकेत सब कूछ ऐसे पूछा जाता है जैसे वह बहुत बडी परीक्षा दे रहा हो लेकिन यही काम दलालों से कराना हो तो बिना किसी परीक्षण के सभी काम विभाग में सम्भव हो जायेंगे क्योंकि दलालों और अधिकारियों की मिली भगत से विभाग में सभी काम हर समय सम्भव हैं।जिले भर में बिना परमिट अवैध वाहन चल रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी क्या नागरिकों की मौत देखते रहेगें तथा हादसे होने के बाद थोडी बहुत छोटी कार्रवाई कर फिर वही पुराने डर्रे पर वापस बैठ जायेंगे।जब तक ऐसे अधिकारियों पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक भ्रष्टाचार का खेल ऐसे ही विभाग में जारी रहेगा।आखिर जिम्मेदार अधिकारियो को हादसों से सबक लेना होगा और कार्रवाई करने के लिए कठोर कदम उठाना पडेगा।
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