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मिर्जापुर – पर्यटक स्थलों पर प्रशासनिक ताले बंदी

ibn 24×7 news चुनार – मीरजापुर।
हरिकिशन अग्रहरी की कलम से
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जनपद मीरजापुर की पहचान विन्ध्य पर्वत श्रेणियों से, धार्मिक तीर्थ स्थलों से, पीतल व कालीन उद्योग से और पर्यटक स्थलों के रूप में होता है। पर्यटक स्थल सावन और भादों के मौसमों में सुवाहनी लगती है। यहाँ के पहाड़ी झरनों में जवानी छा जाती है, पहाड़ों पर हरियाली छा जाती है और विन्ध्य क्षेत्र के जंगलों में जंगली फूलों की खुश्बू मदमस्त करती है। यूपी का शिमला, मंसूरी, श्रीनगर अगर कहीं है तो जनपद मीरजापुर है जहाँ विण्ढमफाल, लिखनियांदरी, खजुरी फाल, सुखदरिया फाल, अंदर सुन्दर फाल, भण्डरिया फाल, चूना दरी आदि पहाड़ी मनमोहक झरने हैं। इन पहाड़ी क्षेत्रों से जगह – जगह झरने के स्वरूप में जल बहते रहते हैं। पर्यटक को जब इन क्षेत्रों की जानकारी होती है तो वे बरबस इन क्षेत्रों की ओर खींचे चले आते हैं। इन क्षेत्रों में लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं और छोटे – छोटे खान पान सम्बन्धित रोजगार पनपते हैं। इससे क्षेत्रीय गरीब जनता का भला होता है। जो पर्यटक शिमला, मंसूरी, नैनीताल, श्रीनगर, पत्नीटाॅप आदि जगहों पर जाने का पारिवारिक खर्चें वहन नहीं कर पाते हैं, वे यहाँ पर आकर वहाँ से बेहतर और कम खर्चें में आनन्दिक होते हैं। खुमचा लगाने वाले से लेकर मध्यमवर्गीय परिवार प्रकृति की गोद में अहरौरा के आसपास के क्षेत्रों में समय बीताते हैं। एक दिवसीय आनन्दमयीयात्रा का यह पर्यटक स्थल केन्द्र रहे हैं।
प्रशासनिक व्यवस्थाओं की नाकामी कहें या कुछ पर्यटकों के बेहूदा हरकतें जैसे पानी के खतरनाक क्षेत्रों में प्रवेश करना, नशे का प्रयोग करके कांच के बोतलों को फोड़ पानी में फेंकना, जंगली व झरनों के प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करना आदि कृत्यों से कई बार अपनी जानें गवायी हैं और बहुत बार घायल हुए हैं।
ऐसे में प्रशासनिक अमला अपना पल्लू झाड़ते हुए, आम प्रकृति प्रेमियों का हक मारते हुए इन खूबसूरत पर्यटक स्थलों में तालेबंदी कर दी है।लिखनियांदरी व विल्ढम फाल इसमें से मुख्य है। कुछ यूपी के धार्मिक स्थलों में सघन चेकिंग व प्रशासनिक अमले की सफलता से परिन्दा भी पर नहीं मार सकता है लेकिन जनपद मीरजापुर के पर्यटक क्षेत्र लिखनियांदरी, विल्ढम फाल पर प्रशासनिक तालेबंदी गरीब जनता व पर्यटकों की उपेक्षा है जो अपने क्षेत्रों के पहाड़ी झरनों का लुफ्त नहीं उठा पाते हैं।
ऐसे में प्रशासन को मुकम्मल व्यवस्था करके पहाड़ी झरनों पर से लाताबंदी हटा देनी चाहिए क्योंकि बीते वर्ष में भी प्रशासन ने ताले बंदी लिखनियांदरी और विल्ढम फाल में कराया था लेकिन एक वर्ष में भी व्यवस्था सुधार की जगह तालेबंदी करना कहीं न कहीं प्रशासनिक खामियों को उजागर करता है।

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