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झाँसी – छावनी परिषद बबीना के उपाध्यक्ष पद के चुनाव में समाज वादी पार्टी का कब्जा, अनिल पहलवान जीते

Ibn24x7news रिपोर्ट – महेन्द्र सिंह सोलंकी ब्यूरो चीफ झाँसी

झाँसी 2 जुलाई। झाँसी जिले की छावनी परिषद् बबीना का उपाध्यक्ष पद का चुनाव गुरुवार को सम्पन्न हुआ। जिसमें बिचित्र घटना क्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी ने महत्वपूर्ण पद समाजवादी पार्टी को दान कर दिया। चुनाव में समाज वादी पार्टी के प्रत्याशी अनिल पहलवान ने जीत हासिल कर उपाध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया।
ज्ञात हो कि छावनी परिषद बबीना के उपाध्यक्ष पद पर सपा की सुशीला देवी थी। परंतु देश व प्रदेश दोनों जगह भाजपा की सरकार होने की वजह से भाजपा कार्यकर्ताओं में बड़ी बेचैनी थी तब बबीना विधायक राजीव सिंह पारीक्षा व जिलाध्यक्ष संजय दुबे ने इसे भाजपा की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया। और अपनी उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से भाजपा पार्षद राजकुमार भदौरिया को उपाध्यक्ष पद पर सुशोभित करवाया था। तथा भाजपा के जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष जयदेव पुरोहित एवं जिला महामंत्री विनोद नायक के नेतृत्व में भव्य विजयी जुलूस निकाला गया था। परंतु भाजपा उपाध्यक्ष राजकुमार भदौरिया को बबीना भाजपा मंडल के दो पदाधिकारियों ने इस्तीफा देने को मजबूर किया। सूत्रों के अनुसार भाजपा मंडल का एक बड़ा पदाधिकारी जो छावनी परिषद में ठेकेदारी करता है उनके अपने व्यक्तिगत हितों व भाजपा मंडल अध्यक्ष व उनके बीच व्यापारिक संबंधों के कारण इन दोनों पदाधिकारियों ने सपा के ही एक अन्य पार्षद से संपर्क बढाकर उसे उपाध्यक्ष बनाने का आश्वासन देकर अन्य विकास कार्यो में उनका सहयोग की अपेक्षा के स्वार्थों के चलते सपा के ही पार्षद को उपाध्यक्ष बनाने की कवायद शुरू करके भाजपा उपाध्यक्ष भदौरिया जी से इस्तीफा दिलवा दिया। जो छावनी परिषद् द्वारा स्वीकृत भी हो गया। जिसके चलते नगर के आम लोगों में भाजपा जिला कार्यकारिणी के खिलाफ जबरदस्त असंतोष व्याप्त है क्योंकि आम जनता का मानना है कि भाजपा जिला कार्यकारिणी की अंदरूनी कलह का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। सपा उपाध्यक्ष को हटाने की मुहिम का नेतृत्व स्वयं स्थानीय विधायक राजीव पारीक्षा के हाथों में ही था लेकिन केन्द्र व राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बाद भी भाजपा के उपाध्यक्ष का मात्र कुछ ही महीनों में हटाया जाना लोगों को हजम नहीं हो पाया रहा है इसके अलावा उन लोगों की स्थिति बड़ी अजीब हो गयी है जिन्होंने सपा उपाध्यक्ष को पदच्युत करने में अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे लोग भविष्य में भाजपा या स्थानीय विधायक पर भविष्य में कैसे भरोसा कर पायेंगे। इस मामले में नगर में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही है कुछ लोगों का तो यहाँ तक मानना है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते एवं कुछ लोगों के व्यापारिक हितों के कारण जानबूझकर समाजवादी पार्टी को संजीवनी बूटी भाजपा मंडल के द्वारा ही दी जा रही है क्योंकि सपा कार्यकाल में उन्होंने जो फायदा लिया वो अब खुद की भाजपा सरकार की कठोर नीतियों से परेशानियों का सामना कर रहे थे। कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि इसमें छावनी परिषद भी ऐसे तत्वों का सहयोग कर रही है क्योंकि निकट भविष्य में छावनी परिषद् द्वारा स्थानीय बड़ा तालाब को खाली कर साफ कराने एवं सौन्दर्यकरण का कार्य कराया जाना है। सूत्र तो यहाँ तक कहते हैं कि इन्ही लोगों के हितों एवं उपाध्यक्ष पद पर सपा के पार्षद के निर्वाचन के बदले न सिर्फ उस ठेके को दो या दो से अधिक भागों में बांटा जा सकता है। इन सब बातों से भारतीय जनता पार्टी की हालत खराब हो रही है।

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