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मीरजापुर : सेवानिवृत्त दरोगा को बहू ने घर से निकाला दर दर भटकने को मजबूर बुढ़ापा ।जिला प्रशासन ने मूंद ली आंखें

सेवानिवृत्त दरोगा को बहू ने घर से निकाला दर दर भटकने को मजबूर बुढ़ापा ।जिला प्रशासन ने मूंद ली आंखें
मीरजापुर देहात कोतवाली क्षेत्र के पांडेपुर मोहल्ला निवासी गौरी शंकर तिवारी उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा के दरोगा पद से सेवानिवृत्त होने के बाद पांडेपुर में 2006से अपना आवास बनाकर अपनी पत्नी गंगा जली देवी के साथ निवास करते चले आ रहे थे उनका आरोप है कि उनकी बहू शारदा देवी पत्नी जयप्रकाश ने वर्षों पूर्व उनके घर न रहने पर उनकी पत्नी से धोखाधड़ी करके 2008में जमीन अपने नाम करा लिया जिसकी भनक भी किसी को नहीं लगी और उनके बुढ़ापा होने का इंतजार करती रही तथा मौका देखते ही घर को लेने की फिराक में पड़ गई । और दस साल बाद मकान लेने के लिए पांडेपुर में आ धमकी । तथा मकान न मिलने पर तीन माह पूर्व अपने पति जयप्रकाश व एक और ब्यक्ति के साथ मिलकर सेवानिवृत्त दरोगा की हथौड़े से मारकर सर को फोड़ते हुए लहूलुहान भी कर दिया गया था जिस मामले में देहात कोतवाली में 16मार्च को तीनों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी जिसके बाद भी जी नहीं भरा तो उसने मकान को कुर्की कराने के लिए एसडीएम सदर कोर्ट में मुकदमा भी दायर कर दिया। जबकि यह सब कुछ देखते हुए सेवानिवृत्त दरोगा ने न्यायालय की शरण भी ले लिया। बावजूद इसके जिला प्रशासन से कोई सहयोग इस दरोगा की नहीं मिल पा रहा है वह दर -दर भटकने को मजबूर हैं और इस बुढ़ापा में अब वह कहां जाएंगे क्या खाएंगे और कहां रहेंगे यह भी एक बड़ा प्रश्न है। बेटा पुलिस में तो डर किसका|
जी हां यह कहना है उस सेवानिवृत्त दरोगा का कि उनकी बहू का बेटा पुलिस विभाग में सिपाही पद पर तैनात है ।जिसके कारण पुलिस विभाग भी उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है और बार-बार उन्हें इस अवस्था मे प्रताड़ित भी किया जा रहा है। तथा उनकी उम्र का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है।
उठते हैं कई सवाल
सेवानिवृत्त दरोगा गौरी शंकर त्रिपाठी ने बताया कि सन 2006 में इन्होंने रजिस्ट्री कराने के बाद बिजली कनेक्शन पानी कनेक्शन ले करके अपना जीवन यापन कर रहे थे जो आज भी उन्हीं के नाम से चला आ रहा है और निवास करते चले आ रहे हैं वही इनकी बहू द्वारा सन 2008 में जमीन लिखाने की बात सामने आ रही है यदि इन्होंने सन 2008 में जमीन लिखवाई तो 10 साल तक कहां रहे फिर भी यदि अगर मकान बना हुआ लिखवाया गया तो दस्तावेज में कहीं भी बने मकान का जिक्र ही नहीं है और राजस्व की चोरी की भी बात सामने आ रही है ।अब देखना यह है कि प्रशासन इस बात को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या एक 85 साल के बूढ़े व्यक्ति के लिए जिसने उत्तर प्रदेश शासन को चुस्त दुरुस्त करने में अपनी भूमिका निभाई थी उसके साथ अब क्या नए हो सकेगा।
 
 

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