नेपाल के गलग्रहन क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण बागमती व लालबकैया नदी के जलस्तर में लगातार बृद्धि
प्रखंड क्षेत्र के लोगों में दहशत व्याप्त है।बागमती शीर्ष कार्य अंचल के अधीक्षण अभियंता रविन्द्र कुमार ने कहा कि बाढ़ के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारिया पूरी करने के साथ ईसी बैग का भंडारण कर लिया गया है लेकिन बाढ़ से स्थायी निजात तभी संभव है जब नेपाल द्वारा निर्मित तटबंध तक भारतीय क्षेत्र से बांध का निर्माण कर आपस मे जोड़ दिया जाए।बागमती, लालबकैया नदी के जलस्तर में लगातार बृद्धि होते रहने से बांध के उत्तर,पूरब,पश्चिम व दक्षिण के खेतों में बाढ़ का पानी इस कदर फैल चुका है कि मानो बाढ़ आ चुकी है।
गत बर्ष अगस्त में आयी प्रलयंकारी बाढ़ से हुई तबाही का मंजर देखे लोग काफी दहशत में जी रहे है।अभियंता श्री कुमार ने बताया कि टूटे बांध को बखूबी तैयार कर ईसी बैग से चुस्त-दुरुस्त कर विभिन्न रैन कट को भी दुरुस्त किया गया है साथ ही किसी भी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर पर्याप्य मात्रा में विभिन्न पॉइंट पर ईसी बैग का भंडारण कर कनीय अभियंता,चौकीदार के अलावे होमगार्ड के जवानों को बांध की देखरेख के लिए तैनात कर दिया गया है।अधीक्षण अभियंता ने बताया कि फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है लेकिन उन्होंने कहा कि नेपाल की ओर से बागमती व लालबकैया नदी को तटबंध बनाकर रोक दिया गया है लेकिन उसका जुड़ाव भारतीय क्षेत्र के रिंग बांध से तटबंध का निर्माण कराकर नहीं किया जा सका है।
उन्होंने बताया कि बैरगनिया के रिंग बांध से लेकर दो किमी तक भारत की ओर से बांध का निर्माण कर नेपाल के तटबंध से जोड़ने की योजना है।उन्होंने कहा कि यदि यह मूर्त रूप ले लेता है तो दोनों नदियों पानी सीधा नदी की धारा में आकर गिरेगी व बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान होगा जिससे बैरगनिया के साथ रौतहट नेपाल को कभी भी तबाही नहीं झेलनी पड़ेगी।उन्होंने यह भी बताया कि इसके मूर्त रूप लेने के बाद बैरगनिया रिंग बांध को पक्की रोड के रूप में तब्दील कर आवागमन का समुचित मार्ग बनाए जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
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