Ibn news Team DEORIA
रिपोर्ट सुभाष यादव
*देवरिया, (सू0 वि0)19 नवंबर*
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद वैश्य ने कड़ाके की ठंड (कोल्डवेव) के दौरान पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पशुओं को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता है। पशुओं को दिन में धूप में रखने और रात से सुबह तक काऊकोट या झोले का उपयोग करके ढकने की सलाह दी गई है। पशुशाला को ठंडी हवा से बचाने के लिए तिरपाल लगाना चाहिए, साथ ही दरवाजे, खिड़कियां और रोशनदान को टाट या बोरे से ढक देना चाहिए।
पशुओं को पर्याप्त मात्रा में ताजा और स्वच्छ पानी पिलाने पर जोर दिया गया है। ठंड बढ़ने पर गुनगुने पानी का भी उपयोग किया जा सकता है। कोल्डवेव के कारण पशुओं की श्वसन दर में कमी आ सकती है और शरीर का तापमान 99°F से 100°F तक हो सकता है। ऐसे में पशुओं को कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और अन्य आवश्यक दवाएं दी जानी चाहिए।
डॉ. वैश्य ने बताया कि ठंड के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखना आवश्यक है। पशुओं को खुरपका-मुंहपका, एचएस, बकरियों में पीपीआर, ईटी और स्वाइन फीवर जैसी बीमारियों से बचाने के लिए पशु चिकित्सालय में उपलब्ध टीके अवश्य लगवाएं। उन्होंने कहा कि रात में पशुओं को खुले स्थान पर न रखें और ठंडे पानी से नहलाने से बचें।
पशु बाड़े की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह करते हुए उन्होंने बताया कि गोबर और मूत्र के निकास की उचित व्यवस्था करें और बाड़े को सूखा रखें। पशुओं को संतुलित आहार दें और उनके भोजन में खली, दाने और अजवाइन-गुड़ का उपयोग बढ़ाएं।
डॉ. वैश्य ने कहा कि ठंड लगने की स्थिति में तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें। पशु चिकित्सालयों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे ठंड से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति सतर्क रहें और किसी भी समस्या के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों से संपर्क करें।
*प्रचारित प्रसारित द्वारा: सूचना विभाग, देवरिया*